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Friday, September 2, 2022

छल कपट से दूर कर जीवन जीने की कला सिखाता है उत्तम आर्जव धर्म : मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज



दशलक्ष्ण पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर मुनिसंघ ने बताया उत्तम आर्जव धर्म का महत्व

शिवपुरी- उत्तम आर्जव धर्म हमें छल कपट से दूर रहकर जीवन जीने की कला सिखाता है, आज के युग में मानव अपनी कथनी व करनी में बहुत भेद करता है जो कि छल कपट की श्रेणी में आता है, संसार में जो भी किसी से छल-कपट करता है उसे स्वयं के जीवन में भी दूसरों से धोखा खाना पड़ता है अर्थात् छल कपट करने वाला किसी का सगा नहीं होता, उत्तम आर्जव धर्म ही हमें सिखाता है कि किसी के साथ भी छल-कपट नहीं करना चाहिए और ना ही ऐसा करके उसे मन-वचन-कर्म में लाना चाहिए, क्योंकि छल-कपट करने वाला अपने कमों से इस संसार को बिगाड़ता ही है बल्कि वह अपने अगले भव को भी बिगाड़ लेता है, 

आर्जव शब्द ऋजुता से बना है जिसका अर्थ सरलता, निष्कपटता का भाव है उत्तम आर्जव धर्म अपने हृदय में सरलता व निष्कपटता  के साथ जीना सिखाता है। उत्तम आर्जव धर्म पर यह आर्शीवचन दिए दशलक्ष्ण पर्व के दौरान प्रसिद्ध मुनिश्री सुप्रभसागर जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर आयोजित वर्षायोग चार्तुमास के दौरान मनाए जा रहे पर्युषण पर्व के तृतीय दिवस पर उत्तम आर्जव धर्म की महत्वता पर उपस्थित श्रद्धालुओं को ज्ञानोपार्जन करा रहे थे। 

इस अवसर पर प्रसिद्ध मुनिश्री दर्षितसागर जी महाराज भी विशेष रूप से मौजूद रहे जिन्होंने भी अपने आर्शीवचनों में चार्तुमास और पर्युषण महापर्व को लेकर धर्मावलंबियों का मार्ग प्रशस्त किया। यहां संगीत की समधुर लहरों के बीच उपस्थित श्रद्धालुओं के द्वारा दशलक्ष्ण महापर्व की पूजा-अर्चना की गई और आयोजन में बड़ी संख्या में समाजजनों ने शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में यहां अन्य विशेष पूजा अर्चना भी मुनिश्री संघ के सानिध्य में संपन्न हुई।

आज मनाया जाएगा उत्तम शौच धर्म
दशलक्षण महापर्व के दौरान पर्युषण महापर्व के चौथे दिन उत्तम शौच धर्म मनाया जाएगा अर्थात यह धर्म मनुष्य को उसके हृदय में शुचिता के भाव को लेकर जीवन जीने की कला का मार्ग प्रशस्त करेगा। इसके पूर्व मंदिर परिसर में मौजूद जैन धर्मावलंबियों के द्वारा नित्य नियम, पूजन, अभिषेक किया जाएगा व श्रीजी की आरती के बाद नित्य-नियम की पूजा और उसके बाद सोलह कारण, पंचमेरू, दशलक्षण व विधान में उत्तम शौच धर्म मनाया जाएगा।

आज होगी फैंसी डे्रस प्रतियोगिता
गुरूद्वारा स्थित श्रीदिगम्बर जैन छत्री मंदिर पर पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व को लेकर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा भी बनाई गई है जिसमें 3 सितम्बर शनिवार को फैंसी डे्रस प्रतियोगिता, 4 सितम्बर रविवार को भजन प्रतियोगिता, 5 सितम्बर सोमवार को हाऊजी प्रतियोगिता, 6 सितम्बर मंगलवार को महिला मंडलों की नृत्य प्रतियोगिता, 7 सितम्बर बुधवार को नृत्य प्रतियोगिता, 8 सितम्बर गुरूवार को शास्त्र सजाओ एवं पूजन अर्ध सजाओ प्रतियोगिता एवं 9 सितम्बर शुक्रवार को सामूहिक आरती एवं पुरूस्कार वितरण कार्यक्रम होंगें।  

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