सागर । लोक स्थल पर अवैध रूप से तलवार रखने वाले आरोपी प्रदीप पटैल को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला-सागर श्रीमती उर्मिला खेड़कर की अदालत ने दोषी करार देते हुये आर्म्स एक्ट की धारा-25(1-बी)(बी) के तहत 01 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सचिन गुप्ता ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना मोतीनगर को दिनॉक 25.10.2018 को जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति प्लेट फार्म नं. 02 के पास आम रोड पर अवैध रूप से तलवार लिये खड़ा है सूचना की तसदीक हेतु हमराह स्टाफ के साथ मुखबिर के बताये स्थान पर पहुॅचने पर एक व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगा जिसे हमराह स्टाफ की मदद से पकड़ा गया उक्त व्यक्ति से नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम प्रदीप पटैल पिता श्यामलाल पटैल होना बताया उक्त व्यक्ति की तलाषी लेने पर वह कमर में बायें तरफ एक लोहे की तलवारनुमा छुरी खोसे था उक्त तलवारनुमा छुरी रखने के संबंध में लाइसेंस पूछे जाने पर न होना बताया जिस पर से उक्त आरोपी को हिरासत में लिया गया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा आर्म्स एक्ट की धारा- 25(1-बी)(बी) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला-सागर श्रीमती उर्मिला खेड़कर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
नाबालिग को भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग को भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी दषरथ आदिवासी को विषेष न्यायाधीष (पॉक्सो एक्ट)/े प्रथम अपर -सत्र न्यायाधीष, बीना जिला-सागर श्रीमान निर्मल मंडोरिया की अदालत ने दोषी करार देते हुये पॉक्सो एक्ट की धारा-3 सहपठित धारा-4(2) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया। माननीय न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर 1,00,000/-(एक लाख रूपये मात्र) दिलाये जाने का आदेष पारित किया गयामामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्यामसुंदर गुप्ता ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मां ने थाना भानगढ़ में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज करवाई कि दिनांक 30.11.2019 को वह उसकी लड़की के यहां मिलने गई थी, तब दिनांक 01.12.2019 को सुबह 06ः00 बजे पड़ोसी ने फोन पर बताया कि, दिनांक 30.11.2019 की रात्रि 9-10 बजे पीड़िता घर से कहीं चली गई है, जो वापस नहीं आई। फरियादी उसकी लड़की के यहां से घर आकर उसने मोहल्ले व रिश्तेदारी में पीड़िता की तलाश की, जिसका कोई पता नहीं चला। तलाश करने पर अभियुक्त दशरथ आदिवासी भी दिनांक 01.12.2019 के प्रातः से उसके घर पर नहीं है। उसे संदहे है कि, अभियुक्त दशरथ आदिवासी उसकी पुत्री /पीड़िता को बहला-फुसलाकर कहीं भगाकर ले गया है। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,
विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-भानगढ़ द्वारा भादवि की धारा- 363, 366,376(2)(एन), 376(3) व पॉक्सो एक्ट की धारा- 5ए/6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विषेष न्यायाधीष (पॉक्सों एक्ट)/प्रथम अपर-सत्र न्यायाधष, बीना जिला-सागर श्रीमान निर्मल मंडोरिया की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
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