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Shishukunj

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Tuesday, January 2, 2024

एक शिक्षक के प्रति इतना प्रेम कि कडाके की सर्दी में बैंड के साथ 6 किमी पैदल चलकर विदा करने ग्रामीण पहुंचे घर


शिवपुरी।
अभी तक आपने सुना होगा कि कलेक्टर का चपरासी रिटायर्ड हो रहा है तो उसे कलेक्टर अपनी गाडी से छोडने उसके घर पहुंचे थे। आपने सुना होगा कि कर्मचारी के रिटायर्ड होने पर पूरा गांव रो पडा है। परंतु आज जो बानगी निकलकर सामने आई है वह और ज्यादा चौकाने बाली है।

दसअसल जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक विद्यालय बागोदा में पदस्थ शिक्षक ओमकुमार उपाध्याय बीते 31 दिसम्बर को सेवानिव्रत हुए है। शिक्षक ओमकुमार उपाध्याय ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय बागोदा में 37 साल पहले अपनी नौकरी की शुरूआत की और वह एक ही स्थान पर बीते 37 साल तक पदस्थ रहे। जिसके चलते लोगों से उनका इतना आत्मीय लगाव हो गया कि गांव के लोग उन्हें छोडना नहीं चाहते। इसके चलते हालात यह रही कि यह गांव नदी के दूसरी और होने के चलते ग्रामीणों ने शिक्षक ओमकूमार के गांव में ही रहने के लिए चंदा करके स्कूल की बिल्डंग के उपर ही एक कमरा बना दिया। 

जिसमें रहकर यह यहां पढाते रहे। रिटायर्टमेंट से पहले शिक्षक ओमकुमार ने यहां अखंड रामायण का पाठ कराया और उसका भंडारा दिया। इस भंडारे के बाद जो नाजारा इस गांव में देखने को मिला वह विरले नहीं मिलता। यहां गांव के बुजुर्ग युवा और महिलाएं इन्हें बिदा करते रोने लगी। इतना ही नहीं इस भंडारे के बाद ग्रामीणों के आग्रह पर इन्हें गांव में ही रोका गया और सुबह पूरे गांव ने चंदा एकत्रित कर डीजे बैंड मंगाया और पूरा गांव एकजुट होकर गांव से ही पैदल पैदल शिक्षक ओमकुमार को विदा करने उनके घर बैराड पहुंचे।  

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