शिवपुरी- वन भूमि पर वर्ष 2005 से पूर्व के कब्जे से संबंधित कार्य की जाँच युद्ध स्तर पर की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशानुसार एसडीएम कोलारस मोतीलाल अहिरवार द्वारा वन अधिकार पटटों की सघन जॉंच कार्य का निरीक्षण शुक्रवार को ग्राम जूर में मोके पर पहुंचकर किया गया।अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) के अंतर्गत एसडीएम कोलारस मोतीलाल अहिरवार द्वारा विकासखण्ड कोलारस की ग्राम पंचायत देहरदा सडक के ग्राम जूर में वन अधिकार पटटों के आवेदनों की सघन जॉंच मौके स्थल पर पहॅुंच कर की। जिसमें एसडीएम के साथ अन्य मैदानी अमले की कर्मचारी पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, बीट गार्ड आदि उपस्थित रहे। ग्राम जूर अंतर्गत रामदयाल आदिवासी/ मालम आदिवासी, भरोसी आदिवासी/ मालम आदिवासी, लल्लू आदिवासी/ खैरू आदिवासी, परमाल आदिवासी/ रतना आदिवासी, अतराज आदिवासी/गणपत आदिवासी, मानसिंह आदिवासी/ रतना आदिवासी, ब्रजेश आदिवासी/कल्याण आदिवासी, कल्याण आदिवासी/भिम्मा आदिवासी, प्राणसिंह आदिवासी/ मिटटू आदिवासी आदि के द्वारा जोती जा रही भूमि का मौके स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया एवं साक्ष्य के संबंध में चर्चा की। मौके स्थल पर पहॅुंच कर एसडीएम द्वारा खेतों पर उगाए गए वृक्षों, निर्मित कुओं आदि का निरीक्षण किया साथ ही आवेदकों को सलाह दी कि वह वन भूमि पर काबिज होने संबंधी अन्य साक्ष्य प्रस्तुत करें जिससे कि उन्हें पात्रता श्रेणी में आने पर वन अधिकार पटटों का लाभ प्रदाय किया जा सके।
शिवपुरी- वन भूमि पर वर्ष 2005 से पूर्व के कब्जे से संबंधित कार्य की जाँच युद्ध स्तर पर की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी के निर्देशानुसार एसडीएम कोलारस मोतीलाल अहिरवार द्वारा वन अधिकार पटटों की सघन जॉंच कार्य का निरीक्षण शुक्रवार को ग्राम जूर में मोके पर पहुंचकर किया गया।अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) के अंतर्गत एसडीएम कोलारस मोतीलाल अहिरवार द्वारा विकासखण्ड कोलारस की ग्राम पंचायत देहरदा सडक के ग्राम जूर में वन अधिकार पटटों के आवेदनों की सघन जॉंच मौके स्थल पर पहॅुंच कर की। जिसमें एसडीएम के साथ अन्य मैदानी अमले की कर्मचारी पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, बीट गार्ड आदि उपस्थित रहे। ग्राम जूर अंतर्गत रामदयाल आदिवासी/ मालम आदिवासी, भरोसी आदिवासी/ मालम आदिवासी, लल्लू आदिवासी/ खैरू आदिवासी, परमाल आदिवासी/ रतना आदिवासी, अतराज आदिवासी/गणपत आदिवासी, मानसिंह आदिवासी/ रतना आदिवासी, ब्रजेश आदिवासी/कल्याण आदिवासी, कल्याण आदिवासी/भिम्मा आदिवासी, प्राणसिंह आदिवासी/ मिटटू आदिवासी आदि के द्वारा जोती जा रही भूमि का मौके स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया एवं साक्ष्य के संबंध में चर्चा की। मौके स्थल पर पहॅुंच कर एसडीएम द्वारा खेतों पर उगाए गए वृक्षों, निर्मित कुओं आदि का निरीक्षण किया साथ ही आवेदकों को सलाह दी कि वह वन भूमि पर काबिज होने संबंधी अन्य साक्ष्य प्रस्तुत करें जिससे कि उन्हें पात्रता श्रेणी में आने पर वन अधिकार पटटों का लाभ प्रदाय किया जा सके।
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