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Wednesday, February 28, 2024

बामौरकलाॅं में धरती के देवता को दी गई विनम्र विनयांजलि


बामौरकलाॅं। 
बामौरकलाॅं  में 25 फरवरी को समाधिस्ट आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज को विनयांजलि देने हेतु एक विशाल सर्वधर्म सभा का आयोजन कीर्ति जैन के निर्देशन एवं संचालन में  जैन धर्मशाला बामौरकलाॅं में आयोजित किया गया । इस आयोजन में गांव के गणमान्य नागरिकों ने अपनी भावांजलि प्रस्तुत करते हुए आचार्य श्री के संस्मरण सुनाए । इस सभा में हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य एवं इस क्षेत्र के सर्वमान्य व्यास  मुकेश पटेरिया, माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री राजेश जी शास्त्री, ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री  कृष्णकांत दुबे , भाजपा जिला कार्यकारिणी के सदस्य  वनवारीलाल श्रीवास्तव, श्री विद्यासागर गुरुकुलम के प्रधानाध्यापक आशीष श्रीवास्तव,  रामबिहारी त्रिपाठी आदि गणमान्य लोगों द्वारा अपने विचारों के माध्यम से आचार्य श्री को अपनी भावांजलि दी। 

इस अवसर पर आचार्य श्री की जीवन चर्या के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि आचार्य श्री ने केवल 18 वर्ष की अल्पायु में सभी प्रकार के वाहनों में बैठने का त्याग कर दिया । 22 वर्ष की उम्र में दीक्षा लेने के साथ ही आजीवन नमक एवं मीठे का त्याग कर दिया। फिर उसके बाद उन्होंने एक करवट सोना, थूकने का त्याग, दिन में सोने का त्याग, दूध का त्याग, सूखे मेवे का त्याग, हरी सब्जी का त्याग, फलों का त्याग । कहने का तात्पर्य है कि उन्होंने अपना जीवन त्यागमय एवं संयमित किया हुआ था । उन्होंने अपने जीवन में किसी की निंदा नहीं की। हमेशा मर्यादा में रहे। 

इस अवसर पर जैन समाज की ओर से डॉक्टर चक्रेश जैन, श्रीमति स्नेहलता जैन , राजेंद्र पंडित जी, अखिलेश जैन, पियूष जैन, श्रीमति शैली चौधरी, श्रीमति रानी जैन, श्रीमति सीमा ब्या, बामौर पंचायत की उप सरपंच श्रीमति रीना पांडे , संजीव जैन,कोषाध्यक्ष शैलेश जैन , अध्यक्ष अमित जैन मंगल, कुमारी सुवि जैन, गौशाला अध्यक्ष मोनू मेडिकल आदि अनेक वक्ताओं ने अपने अपने संस्मरण सुनकर आचार्य श्री को याद किया । किस्सू महाराज, मुकेश पटेरिया एवं राजेश तिवारी  द्वारा एक प्रस्ताव रखा गया कि बामौरकलाॅं में आचार्य भगवन की को हमेशा हमेशा जीवंत रखने के लिए किसी एक चौराहे का नामकरण आचार्य श्री के के नाम से किया जावे , पूरी की पूरी की सभा ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया । 

आचार्य भगवन ने अपने जीवन में हमेशा गायों को संरक्षण देने पर बल दिया और पूरे भारतवर्ष में उनके आह्वान पर जैन समाज द्वारा दयादय महासंघ के माध्यम से गौशालाएं खोली गई जिनमें हजारों लाखों पशुओं की रक्षा हुई। आचार्य श्री ने हमेशा हिंदी भाषा बढ़ावा दिया और उन्हीं के दिशा निर्देश के बाद अदालतों के फैसले भी हिंदी में उपलब्ध होने लगे , आचार्य श्री के जीवन पर अनेक लोगों ने PHD की है। उनसे प्रभावित होकर कई मुस्लिम भाइयों ने भी आजीवन मांस का त्याग किया । 

अनेकों विदेशी पर्यटकों द्वारा आचार्य श्री के दर्शन और चर्या से प्रभावित हुए और छोटे बड़े नियम लेकर आज तक पालन कर रहे हैं । इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंच के लोकार्पण से हुआ । मांगलिक मंगलाचरण प्रतीक्षा मोदी ने किया । सभी लोगों द्वारा एक एक दीप अपने हाथों से प्रज्वलित किया । आचार्य श्री की आरती से कार्यक्रम का समापन हुआ।

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