शिवपुरी- एक-दूसरे की जान-पहचान होने के चलते लिए गए उधार की राशि करीब 4 लाख रूपये को लेकर माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी श्री अमित प्रताप सिंह ने परिवादी की ओर से दाखिल याचिका में प्रकरण की सुनवाई उपरांत सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के प्रकरणों का संज्ञान लेेते हुए आरोपी को दोषमुक्त करार दिया है। इस मामले में अभियुक्त की ओर से पैरवी अधिवक्ता फिरोज खान के द्वारा की गई।प्रकरण अनुसार परिवादी अश्विनी चतुर्वेदी पुत्र स्व. आशुतोष चतुर्वेदी निवासी पोहरी रोड़, हाथीखाना शिवपुरी ने आरोपी रामराज खरे पुत्र श्री लेखराज खरे निवासी जाटव मोहल्ला लक्ष्मी निवास के पास कमलागंज शिवपुरी ने अपनी घरेलू आवश्यकतओं एवं प्लाट खरीदने के उदेश्य से दिनांक 21.06.2019 को बतौर उधार ऋण 4,000,00 उधार दिए थे, जिसके एवज में आरोपी द्वारा एसबीआई बैंक का चैक दिया गया था, लेकिन इस प्रकरण में माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी श्री अमित प्रताप सिंह ने प्रकरण सुनवाई में सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा न्यायदृष्टांत जॉन के.अब्राहम विरूद्ध सीमोन सी.अब्राहम 2014 एवं माननीय मप्र उच्च न्यायालय द्वारा भी न्याय दृष्टांत शैलेन्द्र दुबे विरूद्ध दिनेश 2014 का संज्ञान लेते हुए टिप्पणी कि जहां कि परिवादी द्वारा यह स्पष्ट करने में असफल रहा हो कि उधार राशि का लेन-देन कब और कहां हुआ था, तब इसे परिवादी के मामले में गंभीर कमी माना गया और जब चैक का निष्पादन संदेहास्पद व उधार संव्यवहार प्रमाणित करने वाले प्रमाण नहीं हो तो परिवाद प्रचलनशील नहीं माना गया है, उक्त दोनों ही न्यायदृष्टांतों के तथ्य हस्तगत मामले में सुसंगत है।
इसलिए परिवादी अपने चार लाख रूपये की राशि को आरोपी को देने हेतू सिद्ध न करने के कारण आरोपी को न्यायालय द्वारा संदेह का लाभ देकर दिनांक 28.02.2024 को प्रकरण कमांक 446/19 एनआईए में दोषमुक्त कर दिया गया। उपरोक्त प्रकरण में अभियुक्त की ओर से पैरवी अधिवक्ता फिरोज खान के द्वारा की गई।
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