अखिल भारतीय साहित्य परिषद के द्वारा वेद व सत्यार्थ प्रकाश विषय पर व्याख्यान माला का किया आयोजनशिवपुरी-आज के दौर में नैतिकता के लिए सत्यार्थ प्रकाश का अध्ययन करना आवश्यक है, सनातन संस्कृति को समझने के लिए इसका पाठन आवश्यक है, सत्य को सत्य कहना वेद सिखाते है, किसी धर्म, पंथ, सम्प्रदाय से ऊपर मनुष्य बनना वेद सिखाते है, सत्यार्थ प्रकाश उन्ही वेदों का भाष्य है, जिसे महर्षि दयानंद जी ने मानव कल्याण के लिए प्रस्तुत किया, जिसे तमाम चुनोती मिली पंरन्तु सभी विफल रही। सत्यार्थ प्रकाश के अध्ययन पर यह प्रकाश डाला आर्य समाज के वैदिक प्रवक्ता आर्य समाज शिवपुरी के प्रधान समीर गांधी ने जो स्थानीय होटल मातोश्री में अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई शिवपुरी द्वारा पूरे मध्य भारत प्रान्त की तरह शिवपुरी में महर्षि दयानंद जी सरस्वती के 200 वे जयंती वर्ष, आर्य समाज स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वेद व सत्यार्थ प्रकाश विषय पर व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अखिल भारतीय साहित्य परिषद की राष्ट्रीय मंत्री व निराला, सृजन पीठ भोपाल की निदेशक डॉ साधना बलबटे, अध्यक्षता प्रान्त अध्यक्ष साहित्य परिषद डॉ कुमार संजीव ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी नरेश प्रताप सिंह बॉबी राजा, अमित जैन टिंकल जड़ी बूटी, राजेन्द्र गुप्ता गहोई समाज अध्यक्ष मौजूद रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ साधना बलबटे ने कहा कि साहित्य परिषद वेदों की और लौटने अर्थात जड़ो की और लौटने की ही बात करता आया है, जितनी भी आज समस्याएं नजर आती है उनके मूल में वेदों से दूरी ही है, हमने अपने वेदों से नही बल्कि अपनी जड़ों से दूरी बनाई, जिसकी वजह से हमे अनेकानेक समस्यायों से जूझना पड़ रहा है।समाज मे विघटन जड़ो से दूरी की वजह से ही हो रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ कुमार संजीव ने कहा कि प्रश्न ये करना चाहिए कि वेदों में क्या नही है,वेदों में सब कुछ है, जीवन की समस्याओं के हल के साथ प्रकाश फैलाने का सामर्थ्य वेदों से ही प्राप्त होता है। कार्यक्रम की भूमिका बताते हुए प्रान्त महामंत्री आशुतोष शर्मा ने कहा कि यह वर्ष संघ शताब्दी वर्ष, माता अहिल्या बाई के 300 वे जयंती वर्ष, वीर शिवाजी 350 वा वर्ष, भगवान महावीर स्वामी का 2550 वा वर्ष व महर्षि दयानंद का 200 वा वर्ष होने की वजह से महत्वपूर्ण वर्ष है, आज का आयोजन महर्षि दयानंद को जानने वेदों की और लौटने और सत्यार्थ प्रकाश को पढऩे हेतु प्रेरित करने निम्मित है।
इस दौरान कार्यक्रम में समाजसेवी नरेश प्रताप सिंह बॉबी राजा, अमित जैन टिंकल व राजेन्द्र गुप्ता भी मंचासीन रहे। कार्यक्रम में एक प्रदर्शनी भी वंदना शिवहरे, अवनी राहुरिकर, प्रदीप सोनी, जतिन गोयल सहित 20 लोगो के द्वारा लगाई गई। साहित्यकार लखनलाल खरे, पुरुषोत्तम गौतम,डॉ एच पी जैन के साथ जिले भर के साहित्यकार व इन कलाकारों का सम्मन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन हेमलता चौधरी, सम्मान समारोह का संचालन जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने किया, दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। सभी के प्रति आभार सौरभ तिवारी करैरा ने व्यक्त किया।
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