कन्हैया गायन और सामाजिक विचारों का हुआ समावेशशिवपुरी- सामाजिक सद्भाव के रूप में ग्वाल समाज शिवपुरी के द्वारा दीपावली मिलन समारोह का आयोजन स्थानीय लुधावली स्थित ग्वाल धर्मशाला प्रांगण में आयोजित किया गया। ग्वाल समाज अध्यक्ष राजू ग्वाल ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्वाल समाज शिवपुरी के द्वारा दीपावली मिलन समारोह के रूप में सामाजिक सद्भाव के साथ आयोजित हुआ जिसमें समाज के वरिष्ठजन ठकुरपुरा से महाते प्रेम पडऱया, नत्थाराम, रामसिंह भगतजी,धनीराम दीवान, सीताराम वानिये, भूपेन्द्र दीवान, गजेन्द्र पडऱया, घोसीपुरा से हुकुमचंद महाते, नारायण गुजेले, मदन मोरिया, लुधावली से परसादी दीवान, बृजेश चौधरी, किशन लाल मोहनियां, रामप्रसाद मोहनियां, खुमान चंदेल, फूलचन्द्र थम्मार, छोटेलाल, गंगाराम मोहनियां, विनोद अहीर,दिनेश मोहनियां सभी समाजजनों ने मिलकर एक-दूसरे को दीपावली की बधाईयां दी और मिष्ठान खिलाकर त्यौहार मनाया। इसके साथ ही प्रेम पडऱया, नत्थाराम, रामसिंह भगतजी, किशन लाल, हुकुमचंद, गंगाराम आदि के द्वारा कन्हैया सवित्त का गायन भी किया गया और सभी ने मिलकर दीपावली का त्यौहार बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया। इसी क्रम में यह अन्नकूट कार्यक्रम ठकुरपुरा एवं घोसीपुरा में भी दीपावली त्यौहारके दौज व तीज के दिन आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में समाज बन्धुओं ने सपरिवार भाग लेकर प्रसादी ग्रहण की।
पारंपारिक रूप से ग्वाल समाज के द्वारा घर-घर की गई गोवर्धन पूजा
इसी क्रम में ग्वाल समाज के द्वारा पारंपरिक रूप से घर-घर पहुंचकर ढोल-नगाड़ों के साथ भगवान श्रीगोवर्धन की पूजा की गई। जहां हरेक ग्वाल बन्धुजन के घर पहुंचकर महिलाओं के द्वारा गीत गाते हुए गोबर से श्रीगोवर्धन जी का निर्माण किया गया और बाद में उपस्थित पुरूष वर्ग एवं बच्चों ने मिलकर ढोल-नगाड़ों के साथ सभी जगह गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना विधि-विधान के साथ करते हुए भगवान का भोग लगाकर गोवर्धन जी पर चढ़ाया गया जिसे उपस्थित समाजजनों ने प्रसाद के रूप में उठाते हुए ग्रहण किया और सभी में वितरित भी किया गया। इस प्रेम-भाव को देखते हुए अन्य सभी लोग भी इस आयोजन में सहभागी होते रहे जहां घर-घर पहुंचकर आतिशबाजी की गई और फिर सभी ने मिष्ठान को ग्रहण किया।
इसी क्रम में ग्वाल समाज के द्वारा पारंपरिक रूप से घर-घर पहुंचकर ढोल-नगाड़ों के साथ भगवान श्रीगोवर्धन की पूजा की गई। जहां हरेक ग्वाल बन्धुजन के घर पहुंचकर महिलाओं के द्वारा गीत गाते हुए गोबर से श्रीगोवर्धन जी का निर्माण किया गया और बाद में उपस्थित पुरूष वर्ग एवं बच्चों ने मिलकर ढोल-नगाड़ों के साथ सभी जगह गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना विधि-विधान के साथ करते हुए भगवान का भोग लगाकर गोवर्धन जी पर चढ़ाया गया जिसे उपस्थित समाजजनों ने प्रसाद के रूप में उठाते हुए ग्रहण किया और सभी में वितरित भी किया गया। इस प्रेम-भाव को देखते हुए अन्य सभी लोग भी इस आयोजन में सहभागी होते रहे जहां घर-घर पहुंचकर आतिशबाजी की गई और फिर सभी ने मिष्ठान को ग्रहण किया।
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