शगुन वाटिका में पंसारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में उत्साह से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सवशिवपुरी- मनुष्य यदि सोचे कि वह अपराध करे और अपने कर्म से बच जाए तो यह इस सृष्टि में संभव नहीं है क्योंकि जब-जब सृष्टि पर अधर्म को प्रभाव बढ़ता तब-तब किसी ना किसी रूप में अधर्म को धर्ममय परिवर्तित करने के लिए ही भगवान विभिन्न रूपों में अवतरित होते है इसलिए जब भी अपने सेवा कार्य करें तो उसके फल की चिंता ना करें, क्योंकि परमात्मा सभी को अपने कर्मों के अनुरूप फल देता है, भागवत कथा सुनने मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है इसलिए कथा श्रवण जरूर करें और कथा मार्ग पर चलने का प्रयास करें। भगवान के अवतरित होने का यह वर्णन और भक्ति मार्ग पर चलने का यह मार्ग प्रशस्त किया व्यासपीठ से प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा मर्मज्ञ पं.श्री अंकुश तिवारी महाराज (ओरैया वाले) ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में पंसारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर भगवान के जन्म का वृतान्त श्रवण करा रहे थे।
इस अवसर पर कथा यजमान परिजनों के द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कथा के अवसर पर पाण्डाल को फूल-गुब्बारे व अन्य प्रकार की सजावट कर सजाया गया साथ ही यजमान परिजनों के द्वारा एक टोकरी में अबोध बालक को रखकर भगवान श्रीकृष्ण स्वरूप में मानते हुए श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कथा आयोजक शहर के समाजसेवी पंसारी परिवार के श्रीमती पिस्ता-राधेश्याम गुप्ता, श्रीमती मंजू-पंकज कुमार एवं श्रीमती ऋचा-विनय गुप्ता परिजनों के द्वारा श्रीमद् भागवत पूजन व श्रीकृष्ण पूजन किया गया तत्पश्चात श्रद्धालुओं में मावा-मिश्री व खेल-खिलौने आदि का वितरण किया गया। कथा में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रविन्द्र शिवहरे, समाजसेवी भरत अग्रवाल (नारियल वाले) सहित शहर के गणमान्य नागरिक शामिल रहे।
इस अवसर पर पं.श्री अंकुश तिवारी महाराज ने कथा के अन्य वृतान्तों का श्रवण भी कराया जिसमें समुद्रमंथन, वामन अवतार, रामकथा कृष्ण जन्मोत्सव कथा शामिल रही। महाराजश्री ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है, जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें, कथा का सुनन तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। कथा में कृष्ण जन्म का वर्णन होने पर समूचा पांडाल खुशी से झूम उठा। इस भव्य आयोजन में समस्त धर्मप्रेमीजनों से पंसारी परिवार शिवपुरी ने कथा स्थल पर पहुंचकर धर्मलाभ प्राप्त करने का आह्वान किया है।
No comments:
Post a Comment