टूर्नामेंट में वन विभाग ने न्यायसंगत खेल ना होने को लेकर जताई नाराजगी,शिवपुरी- आप निश्चित ही यह सुन कर आश्चर्य चकित हुए होंगे कि कैसे कोई ट्रॉफी किसी को दान कर सकता है, लेकिन मामला है म. प्र. लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के द्वारा आयोजित अंतर्विभागीय जिला स्तरीय टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल मैच का। वहां मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि इस आयोजन को सिर्फ कर्मचारियों के लिए रखा गया था, वहीं फाइनल में पहुंचने वाली कोषालय की टीम ने 9 खिलाड़ी बाहर से सिर्फ क्रिकेट खेलने वाले लड़कों से सजाई थी। वहां पर मौजूद लोगों की मानें तो इस मैच में शुरू से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कुछ लोगों का मन कोषालय को ट्रॉफी देने का पूर्व से ही बना हुआ है। कोषालय के खिलाडिय़ों के जल्दी जल्दी आउट होने पर पूर्व से निर्धारित खिलाडिय़ों को हटा कर टीशर्ट बदलवा कर उतारा जाने लगा था।
वन विभाग को 156 रनों का लक्ष्य मिला था जिस पर वन विभाग की टीम ने सिर्फ 2 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 28 रन बना लिए थे। इसके पश्चात खेल भावना के विपरीत विकेट कीपर की अपील पर अंपायरों द्वारा वन विभाग के खिलाड़ी गौरव गुप्ता को गलत आउट करार दिया गया। जब वन विभाग ने इसका विरोध किया तो काफी बाद विवाद के बाद काफी समय पश्चात अंपायरों ने अपना फैसला बदल दिया परन्तु विवाद के कारण वरिष्ठ अधिकारियों के चले जाने से कुछ खिलाड़ी भी जा चुके थे। जब तक बहुत देर हो चुकी थी। फिर भी वन विभाग द्वारा खेल भावना का परिचय देते हुए क्रिकेट और टूर्नामेंट का सम्मान रखते हुए महज औपचारिकता पूरी करते हुए मैच पूर्ण किया।
परन्तु वन विभाग द्वारा उप विजेता की ट्रॉफी लेने से मना कर दिया गया। वन विभाग द्वारा कहा गया कि जब मैच नियमानुसार नहीं हुआ और हमने मैच सिर्फ क्रिकेट के सम्मान में औपचारिकता की है ना कि खेला है और जब मैच खेला ही नहीं तो उप विजेता की ट्रॉफी क्यों लेंगे, साथ ही हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर उनका अपमान किया गया है। तो इस प्रकार आयोजकों द्वारा विनर ट्रॉफी कोषालय विभाग को दान में दी गई है।
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