28 वर्षों के संकल्प को यजुर्वेद परायण से पूर्ण कर रहा है गांधी परिवारशिवपुरी-इस भौतिकवादी युग में मनुष्य धर्म के मार्ग से भटक गया है, ईश्वर के प्रति निष्ठा रखकर ईश्वरीय मार्ग पर चलना है तो आदि-अनादिकाल से बताए गए मार्ग वेदों की ओर रूख करना होगा, क्योंकि वेद कोई पुस्तक या धर्म नहीं बल्कि यह मानव वाणी ना होकर परमात्मा की वाणी है, इससे मानसिक-आंतरिक शक्ति ऊर्जा का संचार होगा और बाह्य शक्तियां स्वत: नष्ट हो जाऐंगी, इसलिए वेदों को अपनाऐं और वेदों के बताए मार्ग पर चलें। वेदों के प्रति यह मार्गदर्शन प्रदान किया कुक्षेत्र से पधारे यज्ञ ब्रह्मा स्वामी विदेह योगी जी ने जो स्थानीय रोटरी चौक स्थित वरिष्ठ समाजसेवी आर्य प्रधान इन्द्रप्रकाश गांधी परिवार द्वारा आयोजित 4 दिवसीय यजुर्वेद परायण में दी जा रही आहुतियों के बीच उपस्थितजनों को वेदों के ज्ञान के मार्ग प्रशस्त कर रहे थे। इस अवसर पर गांधी परिवार के मुख्य यजमान सुपुत्र समीर गांधी-श्रीमती कल्पना गांधी, यजमान सुपौत्र राशिल-श्रीमती आकांक्षी गांधी एवं सुपौत्री-दामाद वैभव-श्रीमती शिविका गांधी के द्वारा यजुर्वेद परायण यज्ञ में मंत्रोच्चारण के द्वारा आहुतियां दी गई। इस दौरान आर्य समाज के वरिष्ठजन एवं व्यवस्था श्री राणा अंकल जी एवं पाठ का कार्य ब्रह्मचारी रोहित आर्य एवं विकास कार्य नोएडा के द्वारा किया गया।
यज्ञ ब्रह्मा स्वामी विदेह योगी जी ने बताया कि बीते 28 वर्षों के संकल्प का यह सार्थक परिणाम गांधी परिवार के द्वारा यजुर्वेद परायण यज्ञ के रूप में किया जा रहा है, एक ओर जहां पूर्व में गांधी परिवार के द्वारा अर्थव वेद यज्ञ कराया जा चुका है तो वहीं इस बार यजुर्वेद यज्ञ का सौभाग्य गांधी परिवार ने प्राप्त किया है। यज्ञ के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हुए स्वामी जी विदेह योगी बताते है कि आर्य समाज ने हमेशा परमात्मा की वाणी वेदों को अपनाया है और वेद ही परम ज्ञान है इसलिए वेदों के बताए मार्ग पर चलकर ईश्वरी वाणी को अपनाऐं, आज के समय में मनुष्य भटक गया है वह मानव वाणी को अपनाकर अपने मनुष्यत्व धर्म को क्षति पहुंचा रहा है, इसलिए इससे बचें और आर्य समाज के बताए मार्ग वेदों के अनुसार प्रतिदिन यज्ञ जरूर करें, यदि यज्ञ नहीं आता है तो आर्य समाज में पहुंचकर यज्ञ की विधियों को जानें और इसके धर्मलाभ का ज्ञान प्राप्त करें।
यज्ञ करने से शारीरिक-मानसिक आत्मबल में वृद्धि होती है, यह प्राकृतिक पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है, मनु स्मृति में भी वेदों के अनुयार यज्ञ का महत्व बताया गया है कि वेद ही सर्वज्ञान है। इस अवसर पर नगर के गणमान्य नागरिकों ने भी गांधी परिवार के द्वारा आयोजित यजुर्वेद परायण यज्ञ में भाग लिया और आहुतियां प्रदाय कर यज्ञ में शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त किया। गांधी परिवार के द्वारा आयेाजित प्रतिदिन यज्ञ प्रात: 9बजे से 12 बजे तक एवं सायं 3 बजे से 6 बजे तक रहेगा जिसका समापन 18 फरवरी को किया जाएगा।
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