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Friday, July 4, 2025

बड़े हनुमान मंदिर पर कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ, 10 जुलाई को होगा विशाल भंडारा

 



श्रीमद् भागवत कथा श्रवण व्यक्ति का अभिमान खत्म कर उसे विनम्रता की ओर अग्रसर करती है : आचार्य निलेश त्रिपाठी

शिवपुरी। श्रीमद् भागवत कथा मनुष्य को जीवन के उद्देश्य और दिशा को समझने में मदद करती है, और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होती है। कथा श्रवण से पता चलता है कि भगवान ने किस तरह सम और विषम परिस्थितियों में अपने जीवन को आनंद के साथ व्यतीत किया। शिवपुरी शहर से 4 किलोमीटर की दूरी पर ग्वालियर रोड पर स्थित कत्था मिल के सामने श्री राम जानकी तुलसी आश्रम बड़े हनुमान मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास जी महाराज के सानिध्य में कलश यात्रा के साथ हो चुका है।

सैकड़ो की संख्या में महिलाओं ने कलश यात्रा में भाग लिया ठकुरपुरा में स्थित महादेव जी के मंदिर से प्रारंभ होकर यह  यात्रा एबी रोड होती हुई मंदिर पहुंची। कलश यात्रा के पश्चात आचार्य नीलेश त्रिपाठी (अछरौनी वालों)के  द्वारा कथा का वाचन किया गया जिसका धर्म प्रेमी जनों ने श्रवण किया। कथा के प्रथम दिवस आचार्य श्री त्रिपाठी ने कहा कि  भागवत कथा सुनने से व्यक्ति का अभिमान समाप्त होता है और वह विनम्रता की ओर बढ़ता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कथा का पूर्ण लाभ तभी मिलता है जब उसे शुद्ध मन और निस्वार्थ भाव से सुना जाए और उसके उपदेशों को जीवन में उतारा जाए और जिस तरह धुंधकारी का उद्धार हो गया वैसे ही सभी का हो सकता है। 

आयोजन के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज के कृपा पात्र शिष्य घनश्याम दास महाराज ने बताया कि 3 जुलाई से कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हो चुका है। अब रोजाना  दोपहर 1बजे से 5 बजे तक कथा का पाठन किया जायेगा। 9 जुलाई को श्रीमद् भागवत कथा का समापन होगा एवं 10 जुलाई को गुरु पादुका पूजन एवं विशाल भंडारा होगा। आपको बता दें कि गुरु पूर्णिमा की यह परंपरा लगातार कई वर्षों से चली आ रही है गुरु पूर्णिमा के दिन यहां मंदिर पर कैलाशवासी श्री तपस्वी मौनी महाराज के शिष्य एवं वर्तमान मठाधीश महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम दास महाराज के शिष्य हजारों की संख्या में पहुंचते हैं और भजन कीर्तन के साथ चरण पादुका पूजन का आनंद भी उठाते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन भारी संख्या में गुरुदीक्षा लेने वालों की भी? लगी रहती है।

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