आधा दर्जन तपस्वियों के तप पर जैन समाज ने निकाला बरघोड़ा, जगह-जगह हुआ तपस्वियों को स्वागतशिवपुरी- तप करना हरेक व्यक्ति के लिए आसान भले ही नहीं लेकिन यदि मन-कर्म-वचन से अपने तप को ईश्वर के प्रति आसक्त होकर करता है तो ऐसे तपस्वियों के तप का प्रभाव यह होता है कि आने वाले विघ्न भी ऐसे तपस्वियों से दूर रहते है, यह तप का प्रभाव है कि आज छोटे-छोटे बच्चों ने भी जिन शासन की प्रभावना से एकासना किया, यह तप कर कोई नहीं कर सकता है लेकिन जिसने तप किया है निश्चित ही उसके जीवन में बदलाव देखने को मिलेगा और उस तप के प्रभाव से ना केवल वह स्वयं तपस्वी बल्कि उस तपस्वी का आदरभाव, अनुमोदना करने वाले भी तप के प्रभाव का लाभ प्राप्त करते है इसलिए बरघोड़ा निकालकर ऐसे तपस्वियों की अनुमोदना करना उनके तप को प्रणाम करने के समान है।
तप और तपस्वी का यह प्रभाव अपने आर्शीवचन में श्रवण कराया प.पू. अमीपूर्णा श्री जी म.सा. ने जो स्थानीय आराधना भवन, कोर्ट रोड़ पर सांखला परिवार के तपस्वियों रीतेश सांखला 11 उपवास, सुश्री श्रेया सांखला 9 उपवास, चि.हार्दिक सांखला 9 उपवास, श्रेयांश सांखला 9 उपवास, विपिन सांखला (सिंकी) 8 उपवास एवं चि.अभिनंदन सांखला 8 उपवास के रूप में आयोजित तपस्या प्रेरणोस्त्रोत कार्यक्रम के माध्यम से तपस्वियों को तप करने की प्रेरणा देर रही थी। इस अवसर पर सभी तपस्वियों का बरघोड़ा नवकारसी उपरांत स्थानीय विष्णु मंदिर स्थित नरेन्द्र कुमार, आशीष कुमार, श्रेयांश सांखला के निज निवास से प्रारंभ होकर माधवचौक चौराहा, कोर्ट रोड़, होते हुए आराधना भवन पहुंचा।
इस दौरान मुख्य मार्गों पर जैन समाज के इन तपस्वियों पर पुष्पवर्षा, माल्यार्पण एवं बरघोड़ा में शामिल जैन समाज का पेय पदार्थों के माध्यम से स्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रवीण गोयल, समाजसेवी विकास अग्रवाल (वॉली), शीतल जैन, राजेश गोयल सहित अन्य धर्मप्रेमीजन शामिल रहे जिन्होनें तपस्वियों का अलग-अलग स्थानों पर श्रद्धा भाव से स्वागत करते हुए तपस्वियों की अनुमोदना की। इसके पूर्व श्री शासन माता के गीत भी आराधना भवन परिसर में हुए। यह आयोजन लाभार्थी परिवार तेजमल सांखला, दीपक सांखला, अशोक सांखला, रीतेश सांखला, विपिन सांखला, नीलतेश सांखला, सौरभ एवं श्रेयांश सांखला परिवार के द्वारा किया गया। धर्मसभा का संचालन विजय पारख के द्वारा किया गया।
तपस्वी बच्चों की जैन समाज ने की अनुमोदना
कोर्ट रोड़ स्थित आराधना भवन परिसर में आयोजित धर्मसभा एवं पचक्खाण कार्यक्रम में अपना आर्शीवाद प्रदान करने वाली जैन समाज की साध्वियों प.पू.श्री अमीपूर्णा श्री जी म.सा. के द्वारा बच्चों के द्वारा किए गए उपवास की सराहना की और समस्त जैन समाज के द्वारा चारों तपस्वी बच्चों श्रेया, हार्दिक, श्रेयाशं एवं अभिनंदन के द्वारा किए गए एकासने एवं 8 से 9 दिनों के उपवास को सराहा कि निश्चित रूप से आने वाले समय में इन बच्चों में तप का यह परिणाम देखने को मिलेगा कि जीवन में जब भी यह प्रगति पथ पर आगे बढ़ेंगें तो परमात्मा भी इन पर अपना आशीष बनाए रखेगा।
तपस्वी बच्चों की जैन समाज ने की अनुमोदना
कोर्ट रोड़ स्थित आराधना भवन परिसर में आयोजित धर्मसभा एवं पचक्खाण कार्यक्रम में अपना आर्शीवाद प्रदान करने वाली जैन समाज की साध्वियों प.पू.श्री अमीपूर्णा श्री जी म.सा. के द्वारा बच्चों के द्वारा किए गए उपवास की सराहना की और समस्त जैन समाज के द्वारा चारों तपस्वी बच्चों श्रेया, हार्दिक, श्रेयाशं एवं अभिनंदन के द्वारा किए गए एकासने एवं 8 से 9 दिनों के उपवास को सराहा कि निश्चित रूप से आने वाले समय में इन बच्चों में तप का यह परिणाम देखने को मिलेगा कि जीवन में जब भी यह प्रगति पथ पर आगे बढ़ेंगें तो परमात्मा भी इन पर अपना आशीष बनाए रखेगा।
प.पू. श्री अमीपूर्णा श्री जी म.सा. ने धर्मसभा में मौजूद समस्त धर्मपे्रमजनों से आह्वान कि हरेक व्यक्ति को कम से हफ्ते या 15 दिन में एक उपवास जरूर करना चाहिए, क्योंकि इस आत्मा के अंदर अनंत शक्ति है जिसे जागृत करने की आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब आप कभी किसी चीज के अधीन ना हो, आजकल देखा जाता है कि व्यक्ति आलस्यरहित हो रहा है जिसे सुबह उठते ही बैड टी चाहिए, यह चाय के अधीन होने के समान है ऐसे में इन सभी आसक्तियों से बचें और अपने जीवन को धर्ममय बनाने के लिए अपने आत्मा के कल्याण के लिए व्रत उपवास जरूर करें।
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