प्रतिकर जमा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से किया दण्डितशिवपुरी- एक-दूसरे से परिचित होने के कारण उधार लिए ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 6 लाख 96 हजार 663 रूपये प्रतिकर के रूप में परिवादी को दिए जाने का आदेश पारित किया। प्रतिकर की राशि अदा ना करने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार परिवादी पंकज पाराशर (पाराशर स्पोर्ट्स) निवासी गांधी कॉलोनी शिवपुरी से अभियुक्त बृजेश कुमार पुत्र नारायण दास अग्रवाल निवासी होटल पीएस के पीछे, शिवपुरी से अपनी पारिवारिक एवं दुकानदारी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 5 लाख रूपये बतौर ऋण के रूप में दिनांक 18.01.2020 को लिए थे जिसके एवज में अभियुक्त बृजेश कुमार अग्रवाल ने परिवादी पंकज पाराशर को उक्त दिनांक को ही उधार ली गई धनराशि के भुगतान हेतु आगामी दिनांक का एक चैक एक्सि बैंक शाखा शिवपुरी का दिनांक 18.11.2020 का अपने खाते के चैक प्रदत्त किया था। जिस पर परिवादी पंकज पारशर ने भुगतान हेतु उक्त चैक अपने बैंक खाते पंजाब नेशनल बैंक शाखा शिवपुरी में प्रदत्त किया तो उक्त चैक हस्ताक्षरों की भिन्नता के कारण बिना भुगतान के दिनांक 24.11.2020 को वापस आ गया।
उक्त चैक बाउंस होने की सूचना तथा चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से परिवादी पंकज पाराशर ने अभियुक्त बृजेश कुमार अग्रवाल को सूचना पत्र रजिस्टर्ड डाक से भिजवाया था किन्तु अभियुक्त को सूचना पत्र प्राप्त होने के पश्चात भी चैक राशि का अभियुक्त बृजेश कुमार अग्रवाल ने भुगतान नहीं किया। फिर उक्त चैक राशि को प्राप्त करने के लिए परिवादी पंकज पाराशर ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से परिवाद पत्र धारा 138 परक्राम लिखित अधिनियम के तहत माननीय न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया।
करीब 5 वर्ष बाद उक्त प्रकरण में आए साक्ष्य के उपरांत माननीय श्री जितेन्द्र मेहर न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी जिला शिवपुरी ने अभियुक्त बृजेश कुमार अग्रवाल को धारा 138 में दोषी पाते हुए एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 6 लाख 96 हजार 663 रूपये परिवादी पंकज पाराशर को प्रतिकर की राशि दिए जाने एवं प्रतिकर की राशि अदा नहीं करने पर तीन माह का सश्रम अतिरिक्त कारावास पृथक से भुगताए जाने का निर्णय पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय शाक्य के द्वारा की गई।

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