शिवपुरी-प्रकरण में पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया ने की न्यायालय विशेष न्यायाधीश म.प्र डकैती एवं व्यापहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम शिवपुरी अरुण कुमार सिंह द्वारा एडवोकेट जितेन्द्र समाधिया द्वारा की गई जिरह एवं तर्क एवं तथ्यों से सहमत होकर प्रकरण के आरोपी सुरेश पुत्र चंद्रशेखर अहिरवार को दोषमुक्त किया गया।संक्षेप में प्रकरण इस प्रकार है कि पुलिस थाना देहात शिवपुरी द्वारा अपराध क्रमांक 160/2021 धारा 392 ,34 तथा धारा 11/13 द्वश्चस्रश्चद्म एक्ट एवं 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत आरोपीगण के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मेमोरेंडम, कथन लेखवद्ध किए गए और अभियुक्तगण से जप्ती की कार्यवाही की गई थी इसके पश्चात् पुलिस अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। आरोपी सुरेश पुत्र चंद्रशेखर अहिरवार निवासी शिवपरी बाजार झांसी द्वारा उक्त प्रकरण में अपनी ओर से पैरवी करने हेतु विद्वान अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया को नियुक्त किया गया था और पुलिस द्वारा आरोपी सुरेश की शिनाख्ति द्वश्चस्रश्चद्म एक्ट के तहत जेल से अभियोजन साक्षी से करवाई गई थी, शिनाख्ति के दौरान अभियुक्त से मिलते जुलते चार अन्य व्यक्ति खड़े किए थे जिसमें अभियोजन साक्षी ने सुरेश की पहचान की गई परंतु प्रकरण में आए समस्त साक्ष्यों एवं अभियुक्त के अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया ने न्यायालय में उपस्थित हुए अभियोजन साक्षियों से तर्क संगत जिरह एवं प्रतिपरीक्षण जिसे माननीय न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किए गए न्यायदृष्टांतो को अपनी रेकॉर्ड पर उल्लेखित करते हुए उचित तर्क रखे गए थे, जिस कारण न्यायालय द्वारा आरोपी सुरेश को अपराध से संदेह से परे पाकर प्रमाणित भी पाया और अभियुक्त को उक्त डकैती के प्रकरण से दोषमुक्त किया गया जिसमें पैरवी एड. जितेन्द्र समाधिया ने की।
शिवपुरी-प्रकरण में पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया ने की न्यायालय विशेष न्यायाधीश म.प्र डकैती एवं व्यापहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम शिवपुरी अरुण कुमार सिंह द्वारा एडवोकेट जितेन्द्र समाधिया द्वारा की गई जिरह एवं तर्क एवं तथ्यों से सहमत होकर प्रकरण के आरोपी सुरेश पुत्र चंद्रशेखर अहिरवार को दोषमुक्त किया गया।संक्षेप में प्रकरण इस प्रकार है कि पुलिस थाना देहात शिवपुरी द्वारा अपराध क्रमांक 160/2021 धारा 392 ,34 तथा धारा 11/13 द्वश्चस्रश्चद्म एक्ट एवं 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत आरोपीगण के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करते हुए मेमोरेंडम, कथन लेखवद्ध किए गए और अभियुक्तगण से जप्ती की कार्यवाही की गई थी इसके पश्चात् पुलिस अनुसंधान पूर्ण कर न्यायालय के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया। आरोपी सुरेश पुत्र चंद्रशेखर अहिरवार निवासी शिवपरी बाजार झांसी द्वारा उक्त प्रकरण में अपनी ओर से पैरवी करने हेतु विद्वान अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया को नियुक्त किया गया था और पुलिस द्वारा आरोपी सुरेश की शिनाख्ति द्वश्चस्रश्चद्म एक्ट के तहत जेल से अभियोजन साक्षी से करवाई गई थी, शिनाख्ति के दौरान अभियुक्त से मिलते जुलते चार अन्य व्यक्ति खड़े किए थे जिसमें अभियोजन साक्षी ने सुरेश की पहचान की गई परंतु प्रकरण में आए समस्त साक्ष्यों एवं अभियुक्त के अधिवक्ता जितेन्द्र समाधिया ने न्यायालय में उपस्थित हुए अभियोजन साक्षियों से तर्क संगत जिरह एवं प्रतिपरीक्षण जिसे माननीय न्यायालय द्वारा प्रतिपादित किए गए न्यायदृष्टांतो को अपनी रेकॉर्ड पर उल्लेखित करते हुए उचित तर्क रखे गए थे, जिस कारण न्यायालय द्वारा आरोपी सुरेश को अपराध से संदेह से परे पाकर प्रमाणित भी पाया और अभियुक्त को उक्त डकैती के प्रकरण से दोषमुक्त किया गया जिसमें पैरवी एड. जितेन्द्र समाधिया ने की।

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