प्रतिकर जमा ना करने पर दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा तथा परिवादी द्वारा किए गए व्यय की राशि 36 हजार 500 रूपये अदा करने और उक्त राशि जमा ना करने पर 30 दिवस का साधारण से किया दण्डितशिवपुरी- अपनी आवश्यकताओं एवं व्यावसाय के लिए बतौर उधार ऋण के रूप में 10 लाख रूपये उधार लेकर ऋण को नहीं चुकाने वाले आरोपी को माननीय श्री प्रत्यक्षा कुलेश न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी जिला शिवपुरी के द्वारा अभियुक्त को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोषी पाते हुए 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 12 लाख 14 हजार रूपये प्रतिकर एवं प्रतिकर जमा ना करने पर दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा तथा परिवादी द्वारा किए गए व्यय की राशि 36 हजार 500 रूपये अदा करने और उक्त राशि जमा ना करने पर 30 दिवस का साधारण से दण्डित किए जाने का निर्णय पारित किया गया।इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के द्वारा की गई।
परिवाद के अनुसार अभियुक्त प्रतीक खण्डेलवाल पुत्र पुरूषोत्तम खण्डेलवाल व्यवसाय श्रीमॉं इलेक्ट्रिकल्स कोर्ट रोड़ शिवपुरी निवासी मुरली मनोहर मंदिर के सामने, सदर बाजार शिवपुरी ने परिवादी मनीष अग्रवाल निवासी न्यू ब्लॉक शिवपुरी से भलीभांति परिचित होने के नाते 10 लाख रूपये पारिवारिक एवं व्यावसायिक (इलेक्ट्रिक सामान एवं आतिशबाजी क्रय करने) आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बतौर उधार ऋण दिनांक 19.08.2022 को लिए थे, उक्त उधार ली गई राशि के एवज में भुगतान हेतु अभियुक्त प्रतीक खण्डेलवाल ने परिवादी मनीष अग्रवाल को 4 चैक क्रमशं: 2 लाख, 3 लाख, 3 लाख एवं 2 लाख रूपये की राशि भरकर भुगतान हेतु प्रदत्त किए थे, परिवादी मनीष अग्रवाल ने उक्त चैक भुगतान हेतु अपने बैंक भारतीय स्टेट बैंक शाखा पीबीबी में जमा किए तो खाता बंद की टीप के साथ चैक बैंक द्वारा फरियादी मनीष अग्रवाल को वापिस कर दिए।
उक्त चैक बाउंस होने की सूचना तथा चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से परिवादी मनीष अग्रवाल ने अभियुक्त प्रतीक खण्डेलवाल को सूचना पत्र रजिस्टर्ड डाक से भिजवाया था किन्तु अभियुक्त को सूचना पत्र प्राप्त होने के पश्चात भी चैक राशि का अभियुक्त प्रतीक खण्डेलवाल ने भुगतान नहीं किया। फिर उक्त चैक राशि को प्राप्त करने के लिए परिवादी मनीष अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से परिवाद पत्र धारा 138 परक्राम लिखित अधिनियम के तहत माननीय न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। करीब 3 वर्ष बाद उक्त प्रकरण में आए साक्ष्य के उपरांत माननीय सुश्री प्रत्यक्षा कुलेश न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी जिला शिवपुरी ने अभियुक्त प्रतीक खण्डेलवाल को धारा 138 में दोषी पाते हुए एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 12 लाख 14 हजार रूपये प्रतिकर एवं प्रतिकर जमा ना करने पर दो माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा तथा परिवादी द्वारा किए गए व्यय की राशि 36 हजार 500 रूपये अदा करने और उक्त राशि जमा ना करने पर 30 दिवस का साधारण से दण्डित किए जाने का निर्णय पारित किया गया। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय शाक्य के द्वारा की गई।

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