शिवपुरी- पोहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश कुशवाह के द्वारा जिले के शिक्षकों से बीएलओ का कार्य ना कराए जाने को लेकर जिला कलेक्टर के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों से बीएलओ का का कार्य ना कराया जावे।कलेक्टर रविन्द्र चौधरी को पत्र व्यवहार करते हुए विधायक कैलाश कुशवाह ने बताया कि जिले में अधिकांश शासकीय विद्यालयों में पहले से ही शिक्षकों की संख्या कम है, ऐसी स्थिति में जब शिक्षकों को बीएलओ का अतिरिक्त कार्य सौंपा जाता है, तब विद्यालयों में नियमित शिक्षण-कार्य पूरी तरह से प्रभावित होता है, जिससे छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विचारणीय प्रश्र यह भी है कि गणित और अंग्रेजी के अध्यापक पहले से कम है कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक ही पदस्थ है। इन हालातों को ध्यान में रखते हुए विधायक कैलाश कुशवाह ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि शिवपुरी जिले के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम है उन शिक्षकों को बी.एल.ओ. का कार्य ना सौंपा जाए ताकि बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता एवं नियमित कक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
शिवपुरी- पोहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक कैलाश कुशवाह के द्वारा जिले के शिक्षकों से बीएलओ का कार्य ना कराए जाने को लेकर जिला कलेक्टर के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। इस पत्र में उल्लेख किया गया है कि शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों से बीएलओ का का कार्य ना कराया जावे।कलेक्टर रविन्द्र चौधरी को पत्र व्यवहार करते हुए विधायक कैलाश कुशवाह ने बताया कि जिले में अधिकांश शासकीय विद्यालयों में पहले से ही शिक्षकों की संख्या कम है, ऐसी स्थिति में जब शिक्षकों को बीएलओ का अतिरिक्त कार्य सौंपा जाता है, तब विद्यालयों में नियमित शिक्षण-कार्य पूरी तरह से प्रभावित होता है, जिससे छात्र-छात्राओं की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। विचारणीय प्रश्र यह भी है कि गणित और अंग्रेजी के अध्यापक पहले से कम है कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक ही पदस्थ है। इन हालातों को ध्यान में रखते हुए विधायक कैलाश कुशवाह ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि शिवपुरी जिले के छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जिन स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम है उन शिक्षकों को बी.एल.ओ. का कार्य ना सौंपा जाए ताकि बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता एवं नियमित कक्षाओं का संचालन सुचारू रूप से हो सके।

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