कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉक्टर्स ने रखे विचार
शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में स्त्री एवं प्रसूती विभाग द्वारा अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस के मार्गदर्शन, अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि के नेतृत्व में गुरुवार को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता के साथ वैक्सीनेशन, सरकार द्वारा सर्वाइकल कैंसर से बचाने वाली एचपीवी वैक्सीन को बढ़ावा देने पर कार्यशाला आयोजित कर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में ग्वालियर जिले से गाइनिकोलॉजिस्ट डॉ स्वाति अग्रवाल शिवपुरी जिले से डॉ उमा जैन आदि ने सर्वाइकल कैंसर के उपचार व रोकथाम पर चर्चा की। कार्यशाला में चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी में अध्ययनरत एमबीबीएस छात्र-छात्राओं द्वारा सर्वाइकल कैंसर पर नुक्कड़ नाटक तथा पोस्टर प्रस्तुतिकरण किया गया।
कार्यक्रम के दौरान डीन डॉक्टर डी.परमहंस ने कहा कि सरकार द्रारा सर्वाइकल कैंसर के खात्मे के लिए क्वाड कैंसर मूनशॉट नाम की एक पहल शुरू की। इसका लक्ष्य सवाईकल कैंसर की जांच और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को बढ़ाने के साथ प्रारंभिक स्टेज की पहचान और प्रभावी इलाज उपलब्ध करना है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए इसके लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, क्योंकि यदि एक बार यह बढ़ गया तो मरीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही यह भी कहा कि जागरूकता और नियमित जांच से सर्वाइकल कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इसके अलावा इसके कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी लक्षण को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। इसकी नियमित जांच से इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि सर्वाइकल कैंसर को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए, तो हजारों जान बचाई जा सकती हैं। इस दौरान विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनंत राखोन्डे, विभागाध्यक्ष डॉक्टर अपराजिता तोमर, विभागाध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा,सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस छात्र - छात्राऐं उपस्थित हुए।
सर्वाइकल कैंसर क्या होता है?
सर्वाइकल कैंसर को आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी बोलते हैं। दिल्ली की वरिष्ठ गायनेकोलॉजिस्ट डॉ स्वाति अग्रवाल शिवपुरी जिले से डॉ उमा जैन, डॉ कल्पना बंसल, डॉ अनीता वर्मा, डॉ वीणा कुमरा, डॉ शैली सेंगर, डॉ शिखा जैन, डॉ नीलम सिंह, डॉ सुनीता गुप्ता डॉ सुनीता जैन, डॉ शोभा जैन डॉ मोनिका मंगल, डॉ अर्चना दुबे, डॉ प्रणीता जैन ने कार्यशाला में सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा में होता है, गर्भाशय बच्चे के विकास का स्थान होता है, जबकि ग्रीवा गर्भाशय को योनि से जोड़ता है। यह कैंसर गर्भाशय और ग्रीवा की परत में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि है। इस कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। इसके सौ से ज्यादा प्रकार होते हैं।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण शुरुआत में बिल्कुल पता नहीं चलते हैं। कई सालों बाद इसके लक्षण उभरने लगते हैं। जैसे-जैसे यह बढ़ता है, शरीर में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षणों में योनि से बदबूदार पानी निकलना, संबंध बनाने के दौरान दर्द और खून निकलना है। इसके अलावा पीठ में हल्का दर्द, पैरों में सूजन होना इसके लक्षण हो सकते हैं।

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