शिवपुरी- वन विभाग कोलारस वन परिक्षेत्राधिकारी गोपाल सिंह जाटव के द्वारा वन सीमा क्षेत्र में अवैध शिकार को लेकर बड़ी कार्यवाही की गई है। जिसमें मौके से वन विभाग की टीम ने दो आरोपियों सहित सूअर का मांस व शिकार में प्रयुक्त सामग्री दो कुल्हाड़ी को बरामद किया गया। वन विभाग ने इस मामले में दोनों आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया।जानकारी के अनुसार वनमण्डल शिवपुरी के अंतर्गत वन परिक्षेत्र कोलारस की बीट सनवारा के अंतर्गत ग्राम में बीते रोज सयं 05.30 सुधांशु यादव, वनमण्डलाधिकारी, शिवपुरी के निर्देशन में आदित्य शाडिल्य, उपवनमण्डलाधिकारी, उपवनमण्डल करैरा में मार्गशर्नन में एवं गोपाल सिंह जाटव, परिक्षेत्राधिकारी कोलारस के नेतृत्व एवं गिरीश नामदेव, परिक्षेत्र सहायक कोलारस व एवं अन्य वन अमले की उपस्थिति में मुखबिर की निशानदेही पर वन अमले द्वारा बौट सनवारा के क्षेत्रांतर्गत आरोपियों की घेराबंदी की गई। मौके से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जंगली सुअर के मांस सहित 02 कुल्हाड़ी जप्त की गई। पूंछताछ करने पर आरोपी रामेश्वर आदिवासी पुत्र रामसिंह आदिवासी, निवासी ग्राम गुढ़ा एवं अंग्रेज आदिवासी पुत्र अशोक आदिवासी निवासी ग्राम गुढ़ा मिले, व अन्य 02 आरोपी मौके से फरार हो गये हैं, जिनकी तलाश जारी है। जप्ती की कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज किया जाकर विवेचना में लिया गया। परिक्षेत्राधिकारी गोपाल सिंह जाटव द्वारा बताया गया कि आरोपियों के नेटवर्क की जांच के लिये इलाके में सर्चिग भी की जावेगी तथा वन अपराध घटित न हो पाये इसके लिये वन विभाग द्वारा सतत गश्त की जा रही है तथा मुखबिर तंत्र को भी मजबूत किया गया है।
जप्त मांस को वन्य प्राणी अनुसंधान प्रयोगशाला भेजे सैम्पल
जप्त किये गये मांस का सैम्पल वन्यप्राणी अनुसंधान प्रयोगशाला, जबलपुर हेतु भेजा जा रहा है। जंगली सुअर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित अधिनियम 2023 की अनुसूची-2 का प्राणी है। उक्त कृत्य से वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 एवं यथा संशोधित अधिनियम 2023 की धारा 2, 9, 39 (डी), 50, 51 का उल्लंघन हुआ है। दिनांक 21.12.2025 को गिरफ्तार आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। उक्त संपूर्ण कार्यवाही में गिरीश नामदेव, कार्यवाहक वनपाल, नकुल शर्मा, वनरक्षक, रामचरण केवट, वनरक्षक, दिनेश सहरिया, वनरक्षक, मनोज आदिवासी, वनरक्षक का विशेष योगदान रहा।

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