नियमों का उल्लंघन कर की गईं थी नियुक्तियां, आदर्श सेवा भर्ती नियम के तहत नहीं हुईं थी नियुक्तियां
शिवपुरी-शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में लगभग दो सौ पदों हेतु शैक्षणिक पैरामेडिकल एवं अन्य पदों पर हुईं नियुक्तियों के मामले में आज कार्यवाही हो सकती है। पिछोर विधायक केपी सिंह ने विधानसभा में इस मामले को आज उठाया और उन्होंने सरकार से नियुक्तियों के संबंध में कई सवाल पूछे हैं। चिकित्सा
शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने स्वीकार किया है कि पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ की नियुक्ति मैरिट सूची के आधार पर की गई है। इससे साफ है कि नियुक्ति में आदर्श सेवा भर्ती नियम का पालन नहीं किया गया और नियुक्ति के लिए न तो लिखित परीक्षा और न ही साक्षात्कार आयोजित किए गए। ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि नियुक्ति के माध्यम से भारी भ्रष्टाचार किया गया है।
विधानसभा में विधायक केपी सिंह ने पूछा है कि क्या शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी में शैक्षणिक पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य पदों पर नियुक्तियां की गई हैं जिसके जवाब में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि नियुक्तियां की गई हैं। विधायक ने यह भी पूछा है कि क्या उक्त नियुक्तियां मध्यप्रदेश चिकित्सा महाविद्यालय आदर्श सेवा भर्ती नियम 2018 के तहत की गईं हैं? क्या आदर्श सेवा भर्ती नियमों में लिखित/साक्षात्कार अथवा दोनों का प्रावधान है यदि हां तो क्या सीधी भर्ती के पदों पर उक्त प्रावधानानुसार भर्ती की गई है और यदि नहीं तो क्यों? इसके जवाब में चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने बताया कि पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ की नियुक्ति मैरिट सूची के आधार पर की गई है। इसका तर्क देते हुए उन्होंने कहा है कि पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ के पदों पर नियुक्ति हेतु अत्यधिक आवेदन प्राप्त होने से निर्धारित मापदंडों के अनुसार मैरिट सूची बनाकर भर्ती की गई है।

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