शिवपुरी- फाल्गुन पूर्णिमा बुधवार 20 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। दहन रात 8:58 से रात 12 बजे तक शुभ मुहूूर्त में किया जाएगा और 21 मार्च धुलंडी होगी। इसके लिए हुरियारों ने तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। शहर के लगभग 100 स्थानों पर होलिका दहन होगा जिसमें मुख्य आयोजन हलवाई खाना में किया जाता है। जहां कण्डों से सजाई गई होलिका आर्कषण का केंद्र रहती हैं। दहन से पूर्व दिन भर वहां पूजा का क्रम चलता है इस दौरान उक्त क्षेत्र को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है। जहां रात्रि में होलिका दहन होने के बाद शहर की अन्य होलियां जलाई जाती हैं। होली का पर्व पूर्णिमा से प्रारंभ होकर पंचमी तक चलता है जिसे रंगपंचमी कहा जाता है। पांच दिनों तक शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर रंग गुलाल उड़ाया जाता है। वहीं धुंलडी के दूसरे दिन 22 मार्च को भाई दूज पर्व मनाया जाता है जिसमें बहनें अपने भाईयों को तिलक कर उनकी लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।
श्रीबालाजी धाम पर होगा 10 हजार कंडो की होली का दहन
आज 20 मार्च को होलिका दहन के अवसर पर श्री बालाजी धाम मंदिर प्रांगण में जिले की सबसे बड़ी कंडे की होली सजाई जाएगी पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री बालाजी धाम मंदिर पर 10 हजार कंडों की विशाल होली का दहन किया जाएगा इसके अलावा यहां पर और भी आयोजन किए जा रहे हैं जो होली पर्व में चार चांद लगाएंगे। श्री बालाजी धाम मंदिर नौहरी कलां शिवपुरी में होलिका दहन का बड़ा विशेष महत्व है। श्री मेहंदीपुर बालाजी में होली के त्यौहार पर अनेक तरह की समस्याओं से ग्रस्त लोग पहुंचते हैं जो अल्प समय में नारियल उसारा के माध्यम से समस्या से निजात पाते हैं पूर्णिमा अर्थात होलिका दहन के दिन बालाजी दरबार मे हाजरी अर्जी व दरखास्त लगाने से बालाजी महाराज हर संकट पल में ही काट देते है और सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है होली के दिन यहां पर विशाल संख्या में लोग उपस्थित होते हैं और जो संकट ग्रस्त लोग हैं उनके लिए होली का दिन बड़ा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यहां पर होलिका मैया के दहन के समय नारियल उसारकर चढ़ाए जाते हैं और ऐसा करने से समस्याग्रस्त व्यक्ति को अविश्वसनीय रूप से लाभ मिलना प्रारंभ हो जाता है।

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