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Sunday, June 9, 2019

बेंहटा गुरूद्वारे में मनाया गया गुरू अर्जुन देव शहीदी दिवस, किया छबीले का वितरण

शहीदी जोड़ मेला और सिक्ख संगत में शामिल हुए दूर-दराज से आए धर्मावलंबी 
शिवपुरी- शहर के एबी रोड़ स्थित बेंहटा गुरूद्वारा के प्रबंधक जत्थेदार बाबा तेगसिंह के निर्देेशन में गुरू अर्जुनदेव के 413वें सालाना शहीदी दिवस का भव्य आयोजन गुरूद्वारा परिसर में किया गया। एक ओर जहां सिक्ख संगत का आयोजन परिसर में हुआ तो वहीं दूसरी ओर हजारों राहगीरों को गुरूद्वारा परिसर के मुख्य द्वार एबी रोड़ पर लोगों के लिए छबीले का वितरण किया गया। जिसमें जत्थेदार बाबा तेगसिंह द्वारा स्व
यं भाग लेते हुए लोगों को गुरू अर्जुनदेव शहीदी दिवस के अवसर पर बताया गया और स्वयं ने छबीले का वितरण कर लोगों को संदेश दिया कि वह शहीदों की स्मृतियों को संजोऐं और उनके पदचिह्नों पर चलने की प्रेरणा लें, आज का दिन भी गुरू अर्जुन देव के लिए समर्पित है जिन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने बलिदानों की आहुति दी। इस दौरान गुरूद्वारा बेंहटा प्रबंधक जत्थेदार बाबा तेगसिंह कहा कि गुरू अर्जुन देव के रूप में सिख धर्म के इतिहास की यह पहली शहादत थी, सिखों के पांचवें गुरु के रूप में गुरु अर्जन देव जी ने देश और धर्म के नाम पर बलिदान होने की ऐसी मिसाल पेश की है जो इतिहास के सुनहरे पन्नों और लोगों के दिलों में अंकित है। मानवता की रक्षा और मानवीय मूल्यों की रक्षा के सिलसिले में दी गई पहली शहादत है। इसी कारण गुरु जी को शहीदों का सरताज कहा जाता है। देश और धर्म की रक्षा के लिए जुल्मों को सहते हुए शहादत दी थी। गुरु अर्जन देव जी को भयंकर यातनाएं दी गई लेकिन गुरु जी ने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दिया। इसी कारण इस पर्व को शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को प्रत्येक वर्ष सादगी के साथ मनाया जाता है। इसी क्रम में गुरूद्वारा परिसर में शहीद जोड़ मेले का आयोजन भी किया गया वही सिक्ख संगत में स्थानीय संगत समूह के अतिरिक्त इंदौर, भोपाल, जबलपुर, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, सागर, यूपी के झांसी, कानपुर, राजस्थान के बारां, कोटा एवं पंजाब से काफी संख्या में सिक्ख संगत के लोगों ने भाग लिया और इस धार्मिक आयोजन में सहभागिता निभाई।

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