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Sunday, September 29, 2019

क्षमा का मार्ग अपनाऐं और मंदिर-धर्मशाला नहीं सामाजिक सरोकारों से जुड़े जैसवाल जैन समाज : राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जैन

क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने का आह्वान, श्री दिगम्बर जैसवाल जैन के क्षेत्रीय अधिवेशन में एकजुट हुए समाज बन्धुशिवपुरी-  जैन सिद्धांत को यदि मानें तो हृदय में सरलता, विनम्रजा और सहजता यह तीन प्रमुख गुण जैन व्यक्ति में होना चाहिए क्योंकि क्षमा का इससे बड़ा दूसरा कोई गुण नहीं, यदि आप विनम्र हो गए तो निश्चित रूप से क्षमा योग्य और स्वयं क्षमा मांगने योग्य हो जाऐेंगें, हमें जैन मान्यता के अनुसार सबसे बड़ा धर्म जैन समाज में क्षमा का पर्व है इसलिए इसे अपनाऐं और दूसरों की गलतियों को छोड़ दिगम्बर जैसवाल जैन उपरोचियां समाज को संगठित करने आगे आए और समाजजनों को जोड़े, कुछेक लोग जो मंदिर-धर्मशाला में जुड़कर समाज का अहित करते है वह इससे दूर रहे और सामाजिक सरोकारों से जुड़े ताकि समाज संगठित होगा तो समाज का विकास और समाज का उन्नयन संभव है, शिवपुरी में क्षमावाणी महोत्सव एवं क्षेत्रीय अधिवेशन के माध्यम से समाज को जोड़ने का अनूठा कार्य किया है इस तरह के आयोजन समाज संगठन को भी बनाए रखने में सहायक होते है। उक्त उद्गार प्रकट किए श्री दिगम्बर जैसवाल जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जैन प्रधान भोपाल ने जो स्थानीय गोकुलम गार्डन शिवपुरी में आयोजित समाज के क्षमावाणी महोत्सव एवं क्षेत्रीय अधिवेशन कार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कैट(कॉन्फ्रीडेशन ऑफ ऑल इंडिया)के प्रदेशायक्ष भूपेन्द्र जैन ने की, जबकि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में महेश विकल, अम्बाह व विशिष्ट अतिथियों में आशीष जैन सोनू मित्र मण्डल रिहोनियां, अम्बाह एवं उमेश जैन गोहद, वात्सल्य समूह संस्था के संंस्थापक अध्यक्ष इंजी.पवन जैन (पीएस),कमल जैन भण्डारी, रविन्द्र जैन जूसमर वाले, राजेन्द्र जैन राजमाया, रामदयाल जैन मावा वाले, विजय कुमार प्रधान-प्रकाशचंद जैंन, प्रकाशचंद जैन देधखुर वाले मंचासीन थे। कार्यक्रम में क्षेत्रीय अधिवेशन को लेकर रूपरेखा एवं उसकी आवश्यकता पर राजेन्द्र जैन राजमाया परिवार शिवपुरी ने प्रकाश डाला और इसकी महत्ती को बड़े सरल शब्दों में बताया।इसके अलावा रामदयाल जैन मावा वाले, विमल जैन देधखुर एवं अवधेश जैन द्वारा भी क्षेत्रीय अधिवेशन एवं क्षमावाणी पर्व पर अपने विचार व्यक्त किए गए। इसके बाद अतिथियों में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कैट के प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने अपने शब्दो में समाज को संबोधित करते हुए कहा कि क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय पर्व के रूप में घेाषित कराने के लिए हम प्रतिबद्ध है और समाज छोटे से छोटे स्थानों पर भी एकत्रित होगा तो समाज का यह वर्ग क्षमावाणी को राष्ट्रीय पर्व घोषित कराकर ही दम लेगा। उन्होनें क्षमा के बारे में कहा कि राग-द्वेष से मुक्ति पाने का सरल माध्यम है क्षमा और यदि किसी से आपका कोई राग-द्वेष है तो क्षमावाणी पर्व पर क्षमा मांगना ही इस पर्व की महत्ता को प्रदर्शित करता है। मुख्य वक्ता महेश विकल ने कहा कि महावीर भगवान कोई कायरों के नहीं बल्कि वीरों के प्रण्ेाता है जिसमें सभी को आदर देना, सम्मान देना हमें सीख देता है, मनुष्य ही वह व्यक्ति है जिसे कल्पना, स्वप्न और विचार आते है ऐसे में इनका सदुपयेाग करें और समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए सामाजिक संगठित होकर एकजुटता को प्रदर्शित करें तभी हम समाज संगठन के साथ मिलकर कार्य कर सकेंगें। कार्यक्रम का सफल संचालन माणिक जैन व सहयेागी महेन्द्र जैन भैय्यन एवं गोपिन्द्र जैन ने संयुक्त रूप से किया जबकि अंत में आभार प्रदर्शन राजकुमार जैन द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में सामूहिक रूप से क्षमावाणी पर्व भी मनाया गया और सभी ने एक-दूसरे से वर्ष में जाने-अनजाने में हुए अपराध की क्षमा याचना करते हुए क्षमा मंागते हुए क्षमावाणी पर्व मनाया। कार्यक्रम में श्री दिगम्बर जैसवाल जैन उपरोंचियां समाज के स्थानय समाज बन्धुओं के साथ-साथ सिरसौद, पोहरी, रन्नौद, कोालारस, देवखो, अकाझिरी व पड़ौरा आदि से भी समाज बन्धुजन बहुतायत की संख्या में शमिल हुए। अंत में कार्यक्रम के अतिथियों को शॉल-स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया।
विभिन्न बिन्दुओं को लेकर वक्ताओं ने रखे अपने विचारश्री दिगम्बर जैसवाल जैन उपरोचियां समाज द्वारा आयोजित क्षमावाणी महोत्सव एवं क्षेत्रीय अधिवेशन को लेकर कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने विभिन्न बिन्दुओं पर अपने विचार प्रकट किए। इन बिन्दुओं में सर्वप्रथम क्षमावाणी पर्व को राष्ट्रीय पर्व के रूप में घोषित किया जावे, समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान, समाज के आर्थिक कमजोर वर्ग को सहायता प्रदान कर संबंल बनाना, चिकित्सा, शिक्षा सहायता प्रदान करना आदि को लेकर विचार प्रदान किए गए और क्षेत्रीय अधिवेशन में इन बिन्दुओं पर सहमति प्रदान कर इन्हें लागू करने की घोषणा भी कार्यक्रम के अतिथिद्वयों द्वारा की गअई।

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