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Friday, September 27, 2019

मनुष्य के लिए नित्य प्रति योग ध्यान प्राणायाम सुरक्षा कवच है : स्वामी शांतानन्द

आर्य समाज मंदिर में योग अनुष्ठान को लेकर स्वामी जी ने दिया संदेशशिवपुरी-इस संसारी दुनिया में प्रत्येक मनुष्य जीव के लिए नित्य प्रति योग, ध्यान, प्राणायाम करना मनुष्य के स्वयं की सुरक्षा कवच के समान है क्योंकि ऐसा करने से आप परमात्मा का साक्षात्कार करेंगें और दुनिया की सारी समस्याओं से दूर होकर ईश्वर के प्रति मनन करेंगें, इससे यह लाभ होगा कि ना तो आपका ध्यान भटकेगा और ना ही आपका मन चंचल होगा और केवल ध्यान-प्राणायाम ही आपके जीवन में सुख-समृद्धि के द्वार खोलेगा, इसलिए प्रतिदिन एकांतवाश में एकाग्रचित होकर चिंतन करते हुए मनन कर ध्यान करें और अपने जीवन को दुनिया की सभी समस्याओं से दूर होकर सुखमय जीवन व्यतीत करें। योग ध्यान की यह आवश्यक जानकारी दी प्रसिद्ध ध्यान योग कराने वाले आर्य समाज से जुड़े स्वामी शांतानन्द जी ने जो स्थानीय आर्य समाज मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय प्रारंभिक ध्यान प्रशिक्षण शिविर के तृतीय दिवस पर योग दर्शन विषय को लेकर अपना धर्मोपदेश एवं ध्यान की क्रियाओं को बता रहे थे। इस अवसर पर मौजूद आर्यजनों समीर गांधी, हनी हरियाणी, साकेत गुप्ता, सचिन, नमन विरमानी, विशाल भसीन सहित अन्य माताओ-बहिनों ने भी ध्यान को लेकर अपनी शंकाओं के बारे में जो जिज्ञासा थी वह प्राप्त की और उसका उचित समाधान भी ध्यान प्रक्रियाओं को अपनाया। ध्यान शिविर के पूर्व सर्वप्रथम  आयर्य समाज मंदिर में हवन-यज्ञ किया गया तत्पश्चात योग, ध्यान के बारे में स्वामी शांतानन्द जी ने बताया। स्वामी शांतानन्द ने योग दर्शन के दौरान बताया कि प्रत्येक मनुष्य को योग करना चाहिए क्योंकि यह योग ही निरोगी काया को बनाए रखता है और प्रबल बुद्धि का विकास करता है मनुष्य की सभी इन्द्रियों पर नियंत्रण करते हुए लगाए गए ध्यान का परिणाम भी मनुष्य को मार्गदर्शन प्रदान करता है और वह नियंत्रित मन से अपने सभी कार्यों को सरल बनाता है। ध्यान को लेकर सरल शब्दों में बताते हुए स्वामी शातांनन्द जी ने बताया कि ध्यान लगाना कोई सरल कार्य नहीं है यह मन पर नियंत्रण करने का कार्य है और इसे हर कोई मनुष्य प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिए यदि ध्यान लगाना है और कब, क्यों व कैसे लगाना है यह मनुष्य पर स्वयं निर्भर करता है।

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