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Shishukunj

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Thursday, January 2, 2020

वर्ष में एक बार शासन ध्वज को फहराकर मनायें स्थापना दिवस : पुनीत कलाश्री

जैन साध्वी ने बताये मनुष्य के कत्र्तव्यशिवपुरी। जैन श्वेताम्बर मंदिर पर बिराजमान जैन साध्वी पुनीत कलाश्री जी मण्साण् ने अपने प्रवचन में बताया कि वैशाख सुदी एकादशी के दिन जैन शासन की स्थापना हुई और जिस तरह से 15 अगस्त और 26 जनवरी को तिरंगा झण्डा लहराया जाता है उसी तरह से इस दिन जैन मंदिरों पर जैन झण्डा फहराया जाना चाहिए और नियम अनुसार इस झण्डे को सायं के वक्त उतार लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य ही एक ऐसा जीव है जिसके अन्दर लगातार परिवर्तन हुये है और इसके चलते हमें जैन पंत मिला है और हमें चाहिए कि हम इस धर्म को पालते हुये लगातार ऐसे कार्य करे जो हमारे शासन की शोभा बढाये।
जैन साध्वियों ने बताया कि मनुष्य ही अपने जीवन परिवर्तित करता आया है देवताओंं का स्थान निश्चित है और उनकी पावर भी निश्चित है परंतु मनुष्य एक ऐसा जीव है जो अपनी कार्यशैली से अपनी पावर को बढा.घटा सकता है। यह अधिकार केवल मनुष्य को ही प्राप्त है और इसकी दम पर आज मनुष्य वह सभी कार्य करने में सक्षम हुआ है जिसे केवल सपने में सोचा ही जा सकता था। साध्वी जी ने गुण स्थानक समझाते हुये कहा कि 14 गुण स्थानकों में मनुष्य का स्थान 5वां है जिसे हम श्रावक.श्राविका का स्थान मानते है जबकि सम्यक दर्शन करने वाले चौथे स्थान पर विराजमान है। मनुष्य को यह पदवी इसलिए मिली है कि वह परिवर्तन लाने में सक्षम है। आज के प्रवचनों में साध्वी पुनीत कलाश्री जी ने मनुष्य के कार्य बताते हुये कहा कि यदि हम सतमार्ग का रास्ता चुनेंगे तो हमारे आने वाले भव भी सुधरेंगे बरना वर्षो पहले जो जानवर जैसे थे बैसे ही हमें भी वहीं गति मिलेगी। प्रातरू 9रू30 से 10रू30 से चलने इन प्रवचनों में जैन समाज के सभी महिला एवं पुरूषों ने हिस्सा लिया और धर्मलाभ प्राप्त किया।
आज कर सकते है साध्वीवृंद बिहारशिवपुरी होते हुये झांसी के रास्ते कानपुर जा रहे साध्वी मंडल आज बिहार कर सकता है। उक्त जानकारी देते हुये श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के अध्यक्ष दशरथमल सांखला ने बताया कि परम पूज्य आध्यात्म रत्न मुनीराज श्री पाश्र्वयश चन्द्र विजय जी महाराज साहब एवं पण्पूण् साध्वी श्री ऊँकार श्रीजी महाराज साहब की सुशिष्या पण्पूण् साध्वी श्री पुनीतकला श्रीजी मण्साण् ज्ञानभारती साध्वी डॉण् भव्यानंद श्रीजी मण्साण् ज्ञान ज्योति साध्वी डॉण् संयमरसा श्रीजी मण्साण्ए सोम्य स्वभावी साध्वी शासनरसा श्रीजी मण्साण्ए सेवाभाविनी साध्वी श्री नमनकला श्रीजी मण्साण्ए ज्ञान सुधा साध्वी डॉण् सिद्धान्तरसा श्रीजी मण्साण्ए ज्ञान निधि साध्वी डॉण् सम्मेदरसा श्रीजी मण्साण् उक्त सभी साध्वीगण आज बिहार कर सकते है।

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