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Thursday, March 12, 2020

सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर प्रदेश में बदलेगी इबारत


भोपाल पहुंच सिंधिया समर्थकों ने किया स्वागत समारोह में लिया भाग, लेकिन अब दल-बदल से जुझेंगें कांग्रेसी
शिवपुरी- मप्र की राजनीति में नया भू-चाल लाने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर पूरे प्रदेश में ही उथल-पुथल मच गई है। एक ओर जहां सिंधिया के भाजपा में जाने से पूरे प्रदेश के अनेकों जिलो में कांग्रेस संगठन में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है तो वहीं कई जगह दल-बदल को लेकर कांग्रेसजनों में असमंजस की स्थिति भी निर्मित हुई है। हालांकि प्रदेश में पहली बार भाजपा में शामिल होने के बाद आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्टेट हैंगर से लेकर प्रदेश भाजपा मुख्यालय तक भाजपा कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थकों ने जमकर स्वागत किया। इस दौरान शिवपुरी अंचल सहित गुना, मुरैना, भिण्ड, सागर, विदिशा, इंदौर से भी बड़ी संख्या में सिंधिया समर्थक भोपाल पहुंचे और अपने नेता का भव्य स्वागत किया।

अंचल से सिंधिया समर्थकों ने भोपाल में पहुंच सिंधिया का किया स्वागत

मेरा नेता मेरा स्वाभिमान का स्लोगन मानने वाले अंचल के कांग्रेस छोड़ इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थकों ने अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल आगमन पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जिसमें पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव के साथ विजय शर्मा, भैया साहब लोधी, रामवीर सिंह यादव, कपिल भार्ग, महेश श्रीवास्तव, रामकुमार दांगी सहित अनेकों जगहों से शामिल हुए सिंधिया समर्थक भोपाल पहुंचे और स्टेट हैंगर से लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय तक सिंधिया की आगवानी की गई और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।  

सिंधिया के भाजपा में जाने से ग्वालियर संभाग की राजनीति पर पड़ेगा गहरा प्रभाव

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़े भाजपा का दामन थामे जाने के बाद ग्वालियर संभाग की राजनीति पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। इस दलबदल से भाजपा और कांग्रेस के नेता दुविधा में आ गए हैं। खासकर कांग्रेस के सिंधिया समर्थक वह नेता सबसे ज्यादा परेशानी में हैं जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ-साथ सिंधिया के नेतृत्व में पार्टी का झंडा उठा रहे थे। इनके सामने यह संकट है कि वह भाजपा में अपने आपको कैसे एडजस्ट कर पाएंगे। भाजपा में पहले से ही नेताओं की लंबी कतार है और वहां पर उन नेताओं के साथ कैसे एडजस्ट हुआ जाए जिनसे वह वर्षों से वैचारिक रूप से लड़ रहे हैं। अब अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ यह नेता कांग्रेस तो छोड़ रहे हैं लेकिन अपने भविष्य को लेकर चिंता में हैं। वहीं भाजपा में भी कई नेताओं के बीच असमंजस का माहौल है। भाजपा के वह नेता दुविधा में हैं जो महल के विरोधी हैं और वर्षों से सिंधिया का विरोध करते हुए आ रहे हैं। ऐसे में अब इन नेताओं के बीच संकट है कि यहां पर कैसे इस राजनीति में एडजस्टमेंट किया जाए। इसके अलावा भाजपा के वह नेता जो बीते साल विधानसभा चुनाव हारे वह सिंधिया समर्थक कांग्रेस नेताओं से ही चुनाव हारे हैं अब आगे उनके टिकट का क्या होगा।

महल समर्थकों में है खुशी की लहर

इस अंचल में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में सिंधिया परिवार के समर्थक यानि महल समर्थक नेता इस दलबदल से सबसे ज्यादा खुश हैं। क्योंकि पहले वह भाजपा व कांग्रेस में होते हुए भी महल के इशारे पर यहां पर राजनीतिक रूप से काम करते थे लेकिन अब महल के नेताओं ने ही एक दल में होने का फैसला कर लिया है तो ऐसे में महल के जो समर्थक हैं वह खुश हैं। अब शिवपुरी की ही बात की जाए तो यहां पर यशोधरा समर्थक कई भाजपा नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा में आने का स्वागत किया है क्यों कि अब भाजपा में महल का वर्चस्व और बघ् गया है। इससे उन्हें फायदा मिलेगा।

सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद दिग्गी गुट के कांग्रेसियों ने नहीं छोड़ी कांग्रेस

पूर्व कैबीनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़े जाने के बाद इस अंचल के कई कांग्रेस नेता जिसमें सिंधिया समर्थकों ने जहां कांग्रेस छोड़कर इस्तीफें दे दिए है तो वहीं दिग्गी गुट के समर्थकों ने इस तरह का कोई कदम नहीं उठाया है। इनमें पिछोर विधायक केपी सिंह, पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला, पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण धाकड़, जिला उपाध्यक्ष बासित अली सहित कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। इन कांग्रेसियों में दिग्गी समर्थक नेताओं की संख्या ज्यादा है। अभी आने वाले समय में और पता चलेगा कि सिंधिया समर्थक कितने नेता कांग्रेस छोड़ते हैं। आने वाले समय में यहां पर नए राजनीतिक समीकरण बनेंगे।

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