शिवपुरी-प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा शासन की नीति अनुसार समर्थन मूल्य पर गेहंूॅ एवं अन्य खाद्यान्न सामग्री का उपार्जन कार्य किया जाता है लेकिन विगत वषो्रं से संस्ािा एवं कर्मचारियों को उपार्जन कार्यों में जो समस्याऐं आ रही है उन्हें निराकृत नहीं किया गया जिसके चलते अब सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आगामी समय में होने वाली समर्थन मूल्य की खरीदी को लेकर बहिष्कार की घोषणा की गई और इस संदर्भ में अपनी समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. एवं सहकारिता उपायुक्त, जिला आपूर्ति अधिकारी को भी दिया है और अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग की है। इस अवसर पर मप्र सहकारिता इस दौरान सहकारिता कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह कुशवाह ने जिला कलेक्टर से उक्त मांगों के समय रहते निराकरण करने की मांग की है अन्यथा की स्थिति में समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों पर भारी अव्यवस्थाऐं का सामना करना पड़ सकता है। इस सदंर्भ में कलेक्टर द्वारा उचित कार्यवाही का आश्वासन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को दिया गया जिस पर उन्होंने अपनी सहमति व्यक्त की। ज्ञापन सौंपने वालों में मप्र सहकारिता समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह कुशवाह, उपाध्यक्ष बृजेश धाकड़, कोषाध्यक्ष रविशंकर धाकड़, सचिव मुकेश श्रीवास्तव, राजकुमार शर्मा कोटा एवं समस्त कर्मचारी मौजूद रहे।
यह है सहकारिता कर्मचारी महासंघ की प्रमुख मांंगें
ज्ञापन में सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ की जिन मांगों का ज्ञापन में उल्लेख किया गया है उसमें खरीदी एजेंसी मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अपने परिवहनकर्ता द्वारा उपार्जित मात्रा का परिवहन खरीदी केन्द्र से गोदाम तक कराया जाता है परिवहनकर्ता द्वारा संस्थाओं से प्राप्त मात्रा के विरूद्ध कम मात्रा में स्कंध जमा कराया जाता है उक्त कमी के लिए परिवहनकर्ता को जिम्मेदार ना मानते हुए संस्था के कर्मचारियों को ही दोषी माना जाता है जिससे संस्था के कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक नुकसान होकर संस्था को आर्थिक क्षति होती है और इसी कारण से संस्था को आगामी वर्ष में खरीदी हेतु अपात्र मान लिया जाता है। इसके अलावा खरीदी केन्द्रों में शासन एवं मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा प्रासंगिक व्यय राशि वास्तविक देय राशि की अपेक्षा बहुत ही कम निर्धारित की जाती है संस्थाओं को मण्डी दरों पर प्रासंगिक व्यय तथा हम्माली का भुगतान करना पड़ता है इसकी पूर्ति बाजार दर एवं वास्तविक दर से किया जाना चाहिए। खरीदी उपरांत मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा संसथाओं के देयकों से मनमाने तरीके से कटौत्रा कर लिये जाते है जिसका विवरण भी संसथाओं को दिया जाना मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन आवश्यक नहीं समझती, संस्थाओं के कटौत्रा की जानकारी संस्थाओं को पृथक से दिया जाना चाहिए। आदि सहित अनेकों 9 बिन्दुओं की मांगें है जिनके निराकरण की मांग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने की है।
यह है सहकारिता कर्मचारी महासंघ की प्रमुख मांंगें
ज्ञापन में सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ की जिन मांगों का ज्ञापन में उल्लेख किया गया है उसमें खरीदी एजेंसी मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अपने परिवहनकर्ता द्वारा उपार्जित मात्रा का परिवहन खरीदी केन्द्र से गोदाम तक कराया जाता है परिवहनकर्ता द्वारा संस्थाओं से प्राप्त मात्रा के विरूद्ध कम मात्रा में स्कंध जमा कराया जाता है उक्त कमी के लिए परिवहनकर्ता को जिम्मेदार ना मानते हुए संस्था के कर्मचारियों को ही दोषी माना जाता है जिससे संस्था के कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक नुकसान होकर संस्था को आर्थिक क्षति होती है और इसी कारण से संस्था को आगामी वर्ष में खरीदी हेतु अपात्र मान लिया जाता है। इसके अलावा खरीदी केन्द्रों में शासन एवं मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा प्रासंगिक व्यय राशि वास्तविक देय राशि की अपेक्षा बहुत ही कम निर्धारित की जाती है संस्थाओं को मण्डी दरों पर प्रासंगिक व्यय तथा हम्माली का भुगतान करना पड़ता है इसकी पूर्ति बाजार दर एवं वास्तविक दर से किया जाना चाहिए। खरीदी उपरांत मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा संसथाओं के देयकों से मनमाने तरीके से कटौत्रा कर लिये जाते है जिसका विवरण भी संसथाओं को दिया जाना मप्र स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन आवश्यक नहीं समझती, संस्थाओं के कटौत्रा की जानकारी संस्थाओं को पृथक से दिया जाना चाहिए। आदि सहित अनेकों 9 बिन्दुओं की मांगें है जिनके निराकरण की मांग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने की है।
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