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Saturday, May 30, 2020

बाजार खुलने पर भी लॉकडान में महंगें दामों पर बिक रही किराना सामग्री

कोरोना के समय गरीबों के मसीहा बनकर खूब बांटा गया राशन, किराना व्यापारियों ने की मौज

शिवपुरी- लॉकडाउन के हालातों में यदि किसी ने अच्छा खासा मुनाफा कमाया है तो उसमें किराना व्यापारियों का नाम सबसे पहले आता है क्योंकि यही वह किराना व्यापारी है जो बीती 22 मार्च को लागू हुए लॉकडाउन के बाद से लगातार आज भी लॉकडाउ 4.0 तक भी में आमजनता का शोषण कर उसे प्रिंट से भी कहीं अधिक राशि पर मनमर्जी का सामान विक्रय कर रहे है वह यह भी नहीं देख रहे कि यह सामग्री किस कंपनी की है ऐसे में वह किराना व्यापारी जिन पर कई ऐसी कंपनीयों का सामान भरा पड़ा था जो लोग खरीदते तक से झिझकते थे ऐसे में उस सामग्री को भी किराना व्यापारियों ने खूब ठिकाने लगाया और आमजनता को मनमर्जी के दामों पर बेचा। इस ओर जिला प्रशासन का ध्यान कतई नहीं कि वह किराना व्यापारी के भाव सूची को जांचे और बाजार में एक तय राशि अनुसार सामग्री विकय करने को निर्देशित करें, यदि जिला प्रशासन इस तरह का रवैया अपना लेगा तब संभव है कि आमजन का शोषण भी रूकेगा और महंगाई पर भी लगे हाथों रोकथाम लगाई जा सकेगी। देखना होगा कि इस ओर जिला प्रशासन क्या एहतियाती कदम उठाता है?


गरीबों के मसीहा बन खूब बंटा है राशन

यहां बताना होगा कि जब लॉकडाउन 22 मार्च से लागू हुआ तब से लेकर अभी तक के हालातों की बात करें तो यहां गरीबों को खूब राशन बांटा गया है जिसमें आटा, तेल, नमक, दाल, चावल, शक्कर, मसाले आदि घरेलू रोजमर्रा की जरूरी सामग्री के पैकेट किराना व्यापारियों द्वारा तैयार किए गए। इन हालातों में भी किराना व्यापारियों ने लॉकडाउन के नाम पर खाद्या सामग्री भी मनमाफिक तरीके से बनाई और उसकी राशि भी दोगुने दामों पर कर उपभोक्ताओं और ऐसे दानदाताओं को ठगा जिन्होंने हजारों राशन किट तैयार कर उसे आमजन में गरीबों का मसीहा बन राश बांटा। ऐसे में इन हालातों में किरानों व्यापारी ने अपना मुनाफा दोगुने से चौगुने तक कमाया है क्योंकि जब भी कोई उनसे रोज का सामान मांगता वह लॉकडाउन का हवाला देकर यह जरूरी सामग्री दोगुने दामों पर ही विक्रय की जाती।

प्रिंट रेट भी अधिक दामों पर बिक रहा राशन

बाजार में जो दैनिक घरेलू जरूरतों की सामग्री विक्रय की जा रही है वह प्रिंट रेट से कहीं अधिक है। हमें मिली एक भावसूची के अनुसार पता चला कि तुअर दाल जो कि 80 रूपये होना चाहिए वह 100 से 110 रूपये किलो तक में विक्रय की गई,इसके अलावा चना दाल 48-52 रूपये की बजाए 70-80 रूपये, शक्कर 33-34 के बजाए 38-40 रूपये, आटा 19-20 की बजाए 24-25 रूपये, तेल 80-82 से 100-125 रूपये, बेसन 50-55 के बजाए 70-80 रूपये, पोहा 38-40 की बजाए 50-55 रूपये, घी 450-500 के बजाए 550 से 600 रूपये, धनिया 55-60 के बजाए 100-120 रूपये, मिर्ची 100-120 के बजाए 250-300 रूपये, नमक थैली 5-10 के बजाए 20 से 30 रूपये में बिक्री की गई।


इनका कहना है-

यह उपभोक्ताओं के साथ खिलवाड़ है कि किराना दुकान व्यापारी इस लॉकडाउन के हालातों में भी आमजन का शोषण कर रहे है और उन्हें महंगें दामों पर सामग्री विक्रय कर रहे है। यह उपभोक्ता हितों में न्याय नहीं है हम इस मामले को लेकर शीघ्र जिलाधीश से मिलकर हस्तक्षेप की मांग करेंगें।
रविन्द्र गोयल,
अध्यक्ष, ग्राहक पंचायत, शिवपुरी

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