रामसिंह यादव, पारम सिंह रावत पोहरी से तो योगेश करारे, शकुन्तला खटीक करैरा से चर्चाओं में
पोहरी में हरिबल्लबभ शुक्ला जबकि करैरा में प्रागीलाल के नाम वाली सूची हुई थी वायरल
शिवपुरी- आगामी समय में करैरा और पोहरी विधानसभा के चुनावों को लेकर जारी हुई एक सूची ने बबाल खड़ा कर दिया है जिसमें पोहरी से पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला को तो करैरा से प्रागीालाल जाटव प्रत्याशी के रूप में घोषित होने की सूची जारी हुई थी इससे वह प्रत्याशी जो इस चुनाव की कतार में खड़े थे उनके हौंसलों को पस्त करने के लिए इस तरह का षडयंत्र रचा जाना प्रतीत होता है। यही कारण है मप्र कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने स्वयं इस तरह की किसी सूची के जारी होने का खण्डन किया और कहा कि कांग्रेस पार्टी से ऐसी कोई भी सूची जारी नहीं हुई है। इस तरह जो सूची जारी हुई है वह महज अफवाह है और अधिकृत सूची माननीय प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के द्वारा जारी की जाएगी। इस तरह देखा जाए तो पोहरी और करैरा के वह दावेदार जो पुरजोर ताकत के साथ जनता के बीच जाकर चुनाव लडऩे की मंशा से पहुंच रहे है उन्हें यहां हतोत्साहित करने का प्रयास किया गया अब जब यह सूची मान्य ही नहीं हुई तो एक बार फिर से करैरा और पोहरी के प्रमुख दावेदारों के चेहरों पर शिकन मिटते हुए चमक नजर आने लगी है।पोहरी में मुख्य रूप से रामसिंह यादव, पारम सिंह रावत जैसे सरीखे नेता चुनाव लडऩे की मंशा से क्षेत्र में पहुंच रहे है जबकि पोहरी में सोशल मीडिया में वायरल हुई सूची में पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला का नाम सामने आया, जबकि पोहरी के स्थानीय कांग्रेसियों ने तो भोपाल में प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से मिलकर हरिबल्लभ शुक्ला के नाम का विरोध किया था और साफ कह दिया था कि इस तरह पार्टी में टिकिट वितरण हुआ तो वह कांग्रेस उम्मीदवार के लिए काम नहीं करेंगें। यही कारण रहा कि पोहरी में हरिबल्लभ शुक्ला के बाद अब यादव समाज की ओर रामसिंह यादव प्रमुख चेहरे के रूप में अपना स्थान बना रहे है और वह लगातार क्षेत्र में दौरा कर स्थानीय लोगों से चर्चा कर रहे है साथ ही कांग्रेस की नीति से अवगत कराकर आने वाले उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी होने का संकल्प भी दिला रहे है।
इस दौरान रामसिंह यादव का अनेकों स्थानों पर जोश-खरोश के साथ स्वागत सत्कार भी किया जा रा है। रामसिंह यादव के साथ उनके अनुज महेन्द्र सिंह यादव भी लगातार पिछले लंबे समय से क्षेत्र में काम कर पोहरी के लोगों के बीच बसे हुए है। चूंकि यादव समाज पोहरी में 28 हजार के लगभग की संख्या में आता है ऐसे में यादव समाज की बाहुलता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी यादव समाज पर भी अपना दंाव खेल सकती है और यहां से पोहरी में रामसिंह यादव को जातिगत आंकड़ों के हिसाब से चुनाव में प्रत्याशी घोषित कर सकती है इसका एक कारण यह भी है कि रामसिंह यादव पोहरी-बैराढ़ के सर्व समाज में साफ-स्वच्छ और बेदाग छवि के रूप में पहचाने जाते है। वहीं सूत्रों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट में भी रामसिंह यादव का नाम पहले स्थान पर गया है क्योंकि क्षेत्र की जनता ने पोहरी में इस बार जातिगत नहीं बल्कि चेहरा देखकर वोट देने का मन बनाया है और यही कारण है कि एक बार फिर से पोहरी में बसपा से कैलाश कुशवाह घोषित और भाजपा से सुरेश रांठखेड़ा संभावित उम्मीदवार है तो वहीं कांग्रेस को अपना उम्मीदवार घोषित करने के लिए सामाजिक और व्यवहारिक रूप से भी प्रत्याशी की देखरेख कर ही प्रत्याशी घोषित करना होगा
और इन हालातों में रामसिंह यादव भी इसी रूप में प्रत्याशी के रूप में नजर आते है। हालांकि पारम सिंह रावत भी क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकिट के दावेदार है और वह जनपद अध्यक्ष का कार्यकाल भी पांच वर्ष का पूर्ण कर अब पोहरी विधानसभा के क्षेत्रवासियेंा की सेवा करने के लिए चुनाव लड़ रहे है। पोहरी में पारम सिंह रावत भी साफ-स्वच्छ और मिलनसार व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते है और वह पैतृक रूप से करीब 20 वर्षों से ग्राम पंचातयों में सरपंच के पद पर उनके परिजन सरपंची कर चुके है और यही कारण है कि अब पोहरी में पारम सिंह रावत भी पूरी ताकते के साथ चुनाव लडऩे के लिए मैदान में आ गए है। करैरा विधानसभा की बात करें तो यहां प्रागीालाल जाटव का नाम वायरल सूची में आया है लेकिन इसे लेकर स्थानीय कांगे्रसियों में रोष व्याप्त है कारण है कि बसपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले प्रागीलाल को टिकिट दिया था तो स्थानीय कांग्रेसियों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है ऐसे में पोहरी में योगेश करारे और पूर्व विधायक शकुन्तला खटीक प्रबल दावेदारों में गिनी जा रही है।
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