सागर। न्यायालय-श्रीमती आरती ए. शुक्ला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खुरई के न्यायालय ने आरोपीगण कीरत सिंह पिता कमल सिंह लोधी उम्र 22 वर्ष एवं कमल सिंह पिता दुर्ग सिंह लोधी उम्र 55 साल दोनो निवासी घोरट थाना खुरई जिला सागर को धारा 325 भादवि में दोषी पाते हुए दोनो आरोपीगण को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000-2000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य शासन की ओर से पैरवी सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी त्रिलोक राज शास्त्री ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.10.2011 को फरियादी अर्जुन सिंह पिता करण सिंह लोधी ने थाने में रिपोर्ट लेख कराई कि उक्त दिनांक को शाम 5ः30 बजे पुरानी बुराई पर से आरोपी कमल सिंह तथा कीरत सिंह ने गंदी गंदी गालिया दी और मारपीट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। पीडित अर्जुन सिंह का मेडीकल परीक्षण उपरांत जिला अस्पताल सागर में एक्स-रे कराया जिसमें पीडित के पैर में अस्थि भंग होने से अपराध धारा 325 भादवि का मामला कायम का विवेचना मेें लिया गया। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा प्रकरण में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया एवं महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर तीनों आरोपीगण को दोषसिद्ध किया गया। न्यायालय ने आरोपीगण कीरत सिंह पिता कमल सिंह लोधी उम्र 22 वर्ष एवं कमल सिंह पिता दुर्ग सिंह लोधी उम्र 55 साल दोनो निवासी घोरट थाना खुरई जिला सागर को धारा 325 भादवि में दोषी पाते हुए दोनो आरोपीगण को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000-2000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया गया।
09 साल पुराने प्रकरण में आरोपीगण को तीन-तीन वर्ष का कारावास
सागर। न्यायालय-श्रीमती आरती ए. शुक्ला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश खुरई के न्यायालय ने आरोपीगण अर्जुन सिंह पिता करण सिंह लोधी उम्र 57 साल, साहव सिंह पिता अर्जुन सिंह लोधी उम्र 32 साल, सुखराम पिता अर्जुन सिंह लोधी उम्र 27 साल तीनो निवासी घौरट थाना खुरई जिला सागर को दोषी मानते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2500-2500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य शासन की ओर से पैरवी सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी त्रिलोकराज शास्त्री ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.10.2011 को फरियादी करण सिंह पिता दुर्ग सिंह लोधी ने थाने में रिपोर्ट लेख कराई कि उक्त दिनांक को शाम को खेत से लोट रहे थे जो गांव के रास्ते में अर्जुन सिंह तथा उसका लडका साहब सिंह और सुखराम रास्ते में रोककर गाली गलोच एवं मारपीट करने लगे। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन द्वारा प्रकरण में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया गया एवं महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर तीनों आरोपीगण को दोषसिद्ध किया गया। न्यायालय ने आरोपीगण अर्जुन सिंह पिता करण सिंह लोधी उम्र 57 साल, साहव सिंह पिता अर्जुन सिंह लोधी उम्र 32 साल, सुखराम पिता अर्जुन सिंह लोधी उम्र 27 साल तीनो निवासी घौरट थाना खुरई जिला सागर को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2500-2500 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित करने का आदेश दिया
घर में घुसकर महिला से मारपीट करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमान नीलेन्द्र तिवारी, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी धनीराम रैकवार निवासी ग्राम बेसरा थाना भानगढ़ जिला सागर का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार मालवीय बीना, जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने थाना भानगढ़ आकर बताया कि वह घर पर सो रही थी और उसका पति घर से बाहर गया था। मुहल्ले का धनीराम रैकवार जिससे फरियादिया की पुरानी बुराई चल रही थी, ने फरियादिया के घर की लाईट काट दी और धीरे से उसके घर का दरबाजा खोलकर घर में आ गया। फरियादिया को कुछ आवाज सुनाई दी तो वह जाग गयी और आरोपी धनीराम रैकवार को देखकर चिल्लाने लगी तो आरोपी मारने के लिए हाथ में हंसिया लिये था जिससे फरियादिया की गर्दन में चोट आई। फरियादिया के चिल्लाने से उसके परिवार के अन्य सदस्य जाग गये और वही आ गये जिन्हे देखकर आरोपी जान से मारने की घमकी देते हुए भाग गया। उक्त घटना की रिपोर्ट महिला द्वारा थाना भानगढ में लेखबद्ध कराई गयी। रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी धनीराम रैकवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
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