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Friday, December 24, 2021

सागर/ विद्युत बिल की राषि का गबन करने वाले आरोपीगण को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास


सागर
। न्यायालय- श्रीमान राकेश कुमार ठाकुर अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण के. के. विश्वकर्मा एवं नन्हेभाई दांगी, जिला सागर को धारा 409 भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा म.प्र. पूर्व क्षेत्र वि.वि.कं.लि. देवरी शहर विद्युत केन्द्र मंे पदस्थ कार्यालय सहायको द्वारा विद्युत बिलो की राशि में हेरफेर करने के संबंध मंे पुलिस थाना देवरी मंे इस आशय कि रिपोर्ट लेख करायी गयी कि देवरी शहर विद्युत केन्द्र में पदस्थ के. के. विश्वकर्मा (सहा.गेड-03) ने 32 उपभोगताओं से वसूली गयी कुल राशि रूपए 45382/-एवं नन्हेभाई दांगी (सहा.गेड-02/ऑडीटर) द्वारा उपभोगताओं द्वारा वूसली गयी कुल राशि रूपए 3650/- धोकाधड़ी कर बेईमानी पूर्वक उक्त राशि का स्वहित उपयोग करते हुए गबन कर लिया है। 

आरोपीगण द्वारा उपभोगताओं से बसूली गयी उक्त राशि को कंपनी के किसी भी अभिलेख मंे नहीं दर्शाया गया है। उक्त घटना के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण के. के. विश्वकर्मा एवं नन्हेभाई दांगी को धारा 409 भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले आरोपीगण को 02-02 वर्ष का सश्रम कारावास 

सागर। न्यायालय- श्रीमान राकेश कुमार ठाकुर अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश देवरी, जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगणलाल सिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह,जिला सागर को धारा 420 सहपठित धारा 120(ब) भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी प्रसाद कुर्मी ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया द्वारा पुलिस थाना गौरझामर मंे इस आशय कि रिपोर्ट लेख करायी गयी कि साहब तथा उसका भाई मोहन सिंह दोनो तत्कालीन पटवारी हल्का नं. 18 के रामरतन पटवारी से साजिश करके खसरा नंबर 182/2 एवं 185/3 रकवा 0.26, 002 हे. जो कि सुहागरानी के नाम से उक्त जमीन है। उक्त जमीन का पट्टा लाल सिंह के नाम बनाकर फरियादिया को उक्त जमीन की रजिस्ट्री रूपए दो लाख पैतालीस में कर दिया। 

फरियादिया जब उक्त रजिस्ट्रीकृत जमीन का प्रमाणीकरण कराने पटवारी के पास पहुंची तो पटवारी ने उक्त जमीन सुहागरानी के नाम से होना बताया। तब फरियादिया को मालूम पड़ा कि उक्त जमीन का फर्जी पट्टा एवं दस्तावेज आरोपी, पटवारी रामरतन के साथ मिलकर तैयार किया और आरोपी मोहन के साथ मिलकर फरियादिया को विश्वास में लेकर उसे उक्त विवादित जमीन का सौदा कराने में सक्रिय रूप से भाग लिया। तत्कालीन पटवारी रामरतन को उसके विरूद्ध विभागीय जांच करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था, जिसकी मृत्यु किसी बिमारी के कारण हो चुकी है। 

फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण लाल सिंह, संतोष सिंह एवं मोहन सिंह को धारा 420 सहपठित धारा 120(ब) भादवि में 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

घर में घुसकर चोरी करने वाले आरोपी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास 

सागर। न्यायालय- श्रीमान संजय अग्रवाल षष्ट्म अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी मोहित उर्फ मोनू ठाकुर पिता धनसिंह ठाकुर उम्र 25 वर्ष निवासी पुरानी बस्ती थाना सिविल लाईन सागर को धारा 457 भादवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25000 रूपए एंव धारा 380 भादवि में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 15000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने शासन का पक्ष रखा।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा दिनांक 06.06.2015 को पुलिस थाना पद्माकर नगर पर आकर इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 31.05.2015 की शाम को पत्नी के साथ वैष्णोदेवी के दर्शन करने हेतु जम्मू गये थे और दिनांक 05.06.2015 को करीब रात्रि 9 बजे घर वापिस आये तो देखा घर के दरवाजे का ताला टूटा हुआ था। फरियादी ने घर के पीछे का दरवाजा बाहर तरफ से बंद होने से खोलकर देखने पर कमरे एवं अलमारी का सामान बिखरा पड़ा था एवं पत्नी द्वारा सामान चैक किया गया तो घर में रखे सोने-चांदी के सामान के साथ-साथ अन्य घरेलू सामान चोरी किया गया जिनकी कुल कीमत लगभग 31500 रूपए थी, जो उक्त सामान कोई अज्ञात चोर चोरी करके ले गया। 

फरियादी द्वारा उक्त घटना की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी मोहित उर्फ मोनू ठाकुर को धारा 457 भादवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 25000 रूपए के अर्थदण्ड एंव धारा 380 भादवि में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 15000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने का आदेश दिया गया।


 

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