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Monday, January 3, 2022

ऐतिहासिक राममंत्र महायज्ञ में सभी धर्मप्रेमीजन अयोध्या पधारे जगदगुरू श्री बल्लभाचार्य



पर्यावरण शुद्धि हेतु 800 क्विंटल हवन सामग्री प्रयुक्त होगी, राष्ट्रसंत राजेंद्रदास जी महाराज करेंगे राम कथा

शिवपुरी-विश्व कल्याण सनातन संस्कृति के मूल में है और यज्ञ सर्व श्रेष्ठ कर्म है। अयोध्या में होने वाला श्री राममंत्र महायज्ञ 21वी सदी का सबसे बड़ा यज्ञ है। आप सभी शिवपुरी वासी विश्वकल्याणार्थ इस महायज्ञ में आमंत्रित हैं। उक्त उद्गार जगदगुरू श्री रामानंदाचार्य श्री श्री 1008 स्वामी श्री बल्लभाचार्य जी महाराज, पीठाधीश्वर, श्री रामहर्षण मैथिल सख्यपीठ, चारुशीला मन्दिर, जानकी घाट, अयोध्या द्वारा विराट महायज्ञ के आयोजन के संदर्भ में हुई बैठक में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए।

बैठक का आयोजन महंत महामंडलेश्वर स्वामी नारायणदास जी महाराज की अध्यक्षता में अति प्राचीन बाणगंगा धाम मन्दिर पर किया गया। जिसमें श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या क्षेत्र में आयोजित होने वाले विश्व स्तरीय सम्मेलन व श्रीराममंत्र महायज्ञ के रजत जयंती महामहोत्सव के सफल आयोजन हेतु चर्चा की गई। अयोध्या से पधारे महायज्ञ के आयोजक श्री संकल्पधारी जगदगुरू श्री बल्लभाचार्य जी महाराज ने आयोजन के बारे में बताते हुए कहा कि यह आयोजन लगभग 700 वर्ष पूर्व जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी द्वारा व 25 वर्ष पूर्व पूज्य गुरुदेव अनंतविभूषित पंचरसाचार्य श्री रामहर्षणदास जी महाराज द्वारा जनकल्याण हेतु कराया गया था। अब भगवत प्रेरणा से यह आयोजन कराने का सौभाग्य हम सभी को प्राप्त हो रहा है। महायज्ञ का आयोजन 5 से 14 अक्टूबर तक श्रीधाम अयोध्या में होगा।

 महायज्ञ में 13 करोड़ षडाक्षर श्रीराममंत्र जप, 1 करोड़ 30 लाख हवन आहुति जिसमें पर्यावरण शुद्धि हेतु विषेश औषधि सहित 800 क्विंटल हवन सामग्री प्रयोग की जावेगी। साथ ही 1100 श्रीमद् भागवत कथा पारायण, श्री वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस व प्रेमरामयण पाठ व वृंदावन की प्रसिद्ध चैतन्य महाप्रभु लीला आदि आयोजन होगें।

इस दौरान श्रीराम कथा का वाचन विश्व प्रसिद्ध कथावाचक श्री मलूकपीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरू द्वाराचार्य डॉ राजेंद्रदास जी महाराज के श्री मुख से किया जावेगा। 11 से 13 अक्टूबर के मध्य विश्वस्तरीय संत सम्मेलन में सनातन संस्कृति की महान परंपरा के ध्वजवाहक विभिन्न जगद्गुरू शंकराचार्य, रामानंदाचार्य, रामानुजाचार्य, महामंडलेश्वर, प्रसिद्ध कथावाचक राष्ट्रीय संत श्रीअवधेशानंद गिरि जी महाराज, मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, श्यामसुंदर पाराशर महाराज आदि आमंत्रित किए गए हैं।  

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