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Saturday, January 13, 2024

नर सेवा नारायण सेवा को चरितार्थ कर रही है सेवा भारती संस्था : एसपी रघुवंश भदौरिया



वनवासियों के विकास में हरेक व्यक्ति का हो अहम योगदान : सेवा. डीजीपी महेन्द्र शुक्ल

सेवा भारती शिवपुरी का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम आयोजित, वनवासी भाईयों ने दी रोचक प्रस्तुतियां

शिवपुरी- नर सेवा ही नारायण सेवा के रूप में समाजसेवी संस्था सेवा भारती इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रही है, जहां सहरिया वनवासियों के बालकों को यहां छात्रावास में स्थान देकर उनके व्यक्तित्व विकास को पूर्ण करने में सेवा भाव से लगी हुई है, निश्चित ही आज के इस अर्थयुग में समयाभाव के कारण अनेकों लोग इस तरह के आयेाजनों से जुडऩा चाहते है, इसके लिए प्रयास करें कि शहर के वह मूर्धन्य लोग जो ईश्वरीय कृपा से संपन्न है उन्हें इस सेवा के कार्य से अवश्य जोड़ा जाए, भगवान राम जब वनवास काट रहे थे तब वह जंगलों में वनवासियों के बीच ही थे इसलिए भगवान राम के जीवन से समाज को सीखने की आवश्यकता है। 

राम और वनवासियों के इस प्रसंग पर अपना ओजस्वी उद्बोधन दिया पुलिस अधीक्षक रघुवंश भदौरिया ने जो स्थानीय फतेहपुर स्थित सेवा भारती संस्था के द्वारा संचालित सहरिया वनवासी छात्रावास के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य रूप से सेवानिवृत्त डीजीपी महेन्द्र शुक्ल सपत्निक मौजूद रहे साथ ही कार्यक्रम में गुरूद्वारा प्रबंधक काबल सिंह रंधावा, मेडीकल कॉलेज डीन डॉ.के.बी.वर्मा, सेवानिवृत्त नेत्र रोग विशेषज्ञ एवं साहित्यकार डॉ.एच.पी.जैन मंचासीन रहे। सर्वप्रथम मॉं सरस्वती एवं विवेकानंद जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत भाषण सेवा भारती छात्रावास अध्यक्ष हरज्ञान प्रजापति के द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन राजेश गोयल रजत ने जबकि आभार प्रदर्शन छात्रावास प्रबंधक मुकेश कर्ण के द्वारा किया गया। इस अवसर पर छात्रावास परिसर में विभिन्न क्षेत्रों से आए बच्चों के अभिभावक, नगर के गणमान्य नागरिक, महिला-पुरूष आदि शामिल रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मन मोहा, पूर्व और वर्तमान भाईयों ने अनुभव बताए

इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छठा भी देखने को मिली जिसने उपस्थित अतिथियों एवं जनमानस का मन मोह लिया। जिसमें सर्वप्रथम संघ के घोष व रस्से का प्रदर्शन किया गया तत्पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य का खेजड़ की चिरैया नृत्य प्रतुति, योग की प्रस्तुति, देशभक्ति गीत व भगवान श्रीराम पर आधारित नृत्य प्रस्तुति आकर्षण का केन्द्र रही। इसके अलावा कार्यक्रम में मौजूद सेवा भारती छात्रावास के पूर्व व वर्तमान भाईयों ने अपने अनुभवों को यहां साझा किया। जिसमें प्रदीप ने वर्तमान और आदेश ने पूर्व के अनुभवों को बताया।

वनवासियों की सेवा करने का मिला सौभाग्य : सेवानिवृत्त डीजीपी महेंद्र शुक्ल

कार्यक्रम में मौजूद मुख्य अतिथि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त डीजीपी महेन्द्र शुक्ल ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि यह

ईश्वर का आशीर्वाद ही है कि जब एसडीओपी श्योपुर के रूप में पदस्थ रहा तब देखा की आदिवासी पति पत्नी बच्चो के साथ जंगल जाते थे, आज 2009 में सेवानिवृत होने के बाद सहरिया वनवासियों के लिए काम करने का सौभाग्य मिला, आप स्वयं देखिए कि आखिरी पंक्ति में शामिल इन वनवासियों से स्वयं पीएम भी 15 जनवरी को चर्चा कर करेंगें। श्री शुक्ल ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए 4 महत्व मानव को शिक्षा के रूप में बताया जिसमे शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, सामाजिक जिसमें मुख्य रूप से सामाजिक क्षेत्र समाज में परिवारों को मिलाया जाता है, इन बालकों के द्वारा यहां जीवंत कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की कमी है, उन्होंने आह्वान किया कि संस्था या अन्य कोई किसी भी सरकार के सहारे अनुदान ना ले बल्कि समाज को इस अभियान से जोड़े और खासकर नगरीय समाज को ग्रामीण समाज के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य में अपना अमूल्य योगदान देना चाहिए।

23 वर्षों से संचालित है सेवा भारती छात्रावास, 27 भैया अब तक शासकीय सेवा में

सेवा भारती छात्रावास में संचालित गतिविधियों की जानकारी संस्था सचिव कुंजबिहारी चतुर्वेदी के द्वारा प्रदान की गई। जिन्होंने बताया कि सेवा भारती द्वारा संचालित सहरिया वनवासी छात्रावास विगत 23 वर्षों से संचालित है जिसमें वर्तमान में 70 भैया अध्यनरत है, विद्यापीठ स्कूल प्रबंधन द्वारा निर्धारित शुल्क में अध्यापन करा रहा है जिसका परिणाम है कि पिछले 6 वर्ष से इस छात्रावास का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहा, वर्ष 2022 के परिणाम के बाद 3 भाईयो को लैपटॉप भी मप्र शासन से मिला। अभी तक छात्रावास में 265 भैया अध्ययनरत होकर विभिन्न क्षेत्रो में अपना भविष्य संवार रहे है जिसमें 27 शासकीय सेवा में कार्यरत है और इन्हीं में से 4 छात्र छात्रावास में अपना योगदान दे रहे है, हम अब इन छात्रों के प्रयासों से आश्रयदाता बन रहे है। इस दौरान सहरिया वनवासी छात्रावास में सेवाभाव स्वरूप नगर सेवा भारती के द्वारा 01 लाख की राशि दान दी गई और चार छात्रों को गोद लिया गया। वहीं गुरुद्वारा प्रबंधक की ओर से भी 25 हजार रूपये की राशि दान कर एक छात्र गोद लिया गया।

वक्ताओं ने कहा वनवासियों के उत्थान में आगे आए समाजसेवी
इस अवसर पर मौजूद मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ.के.बी.वर्मा व सेवानिवृत्त नेत्र रोग साहित्यकार डॉ.एच.पी.जैन के द्वारा भी अपना संक्षिप्त उद्बोधन दिया गया और बताया कि किस प्रकार से सेवा भारती संस्था के द्वारा प्रतिवर्ष छात्रावास का वार्षिकोत्सव मनाया जाता है जिसमें छात्रावास के बच्चों के द्वारा रोचक धर्म, ज्ञान, योग, देशभक्ति आदि पर आधारित प्रस्तुतियां सभी को प्रभावित करती है जो कहीं ना कहीं इन प्रतिभाओं को आगे लाने का कार्य करती है। इसके अलावा इन वनवासी बालकों के उत्थान में वक्ताओं के द्वारा शहर की विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और संपन्न समाजसेवियों से आह्वान किया गया कि वह इन वनवासियों के लिए आगे आए और अपना अहम योगदान देकर इनके व्यक्तित्व विकास में शामिल हो ताकि यह वंचित वर्ग भी विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सके। डॉ.एचपी जैन ने कहा कि यह वनवासी बालक आज समाज के वंचित वर्ग में शामिल है लेकिन सेवा भारती ने वन में रहने वालों का जीवन बदल दिया, मनुष्य ना रहने वाले ऐसे वनवासियों का जीवन बदला है, सेवा भारती का कार्य वास्तविकता में है, यहां कोई चाह नहीं है, बस सेवा है, विगत 25 वर्षों से मैंने इस संस्था के सेवा कार्यों को देखा है, मरीजों को भोजन, गर्म पानी, दूध देना ऐसे अनेकों कार्य है। उन्होंने अपने एक गीत से इनकी सेवा को प्रकट किया- सेवा के पथ को अपनाकर, कदम चले मंजिल की ओर, हमे खबर किया कहां ठिकाना और कहां हो अपनी भोर...।

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