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Thursday, March 7, 2024

सागर / नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड


सागर ।
नाबालिग के साथ छेडछाड़ करने वाले आरोपी देवी सिंह को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीष, देवरी जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-7/8 के तहत 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाॅच हजार रूपये अर्थदण्ड  की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्रीमती वृंदा चैहान ने की ।

घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह दिनांक 12.03.2020 को शाम लगभग 06 बजे अपने खेत पर जा रही थी, तभी रास्ते में अभियुक्त देवीसिंह मिला और उससे बोला कि कहां जा रही हो, तब उसने कहा कि खेत पर जा रही है तो इतने में अभियुक्त ने बुरी नियत से उसका हाथ पकडकर उसे नीचे गिरा दिया और छेडछाड़ करने लगा, तब पीडिता के चिल्लाने पर उसकी बडी बहिन वहां आ गयी तो अभियुक्त उसे छोडकर भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, 

घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-केसली द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 354 एवं पाक्सो एक्ट की धारा-7/8 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश, देवरी, जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।


चाकू एवं लाठी से मारपीट कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । चाकू एवं लाठी से मारपीट कर हत्या कारित करने वाले आरोपीगण मोनू उर्फ मुन्नु यादव एवं गगन उर्फ बंटी यादव को द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा-302 के तहत आजीवन कारावास एवं पाॅच-पाॅच हजार रूपये तथा 323/34 के तहत 06-06 माह का कारावास एवं एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड  की सजा से दंडित किया है। षेष आरोपीगण को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया ।मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की ।

जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी श्री सौरभ डिम्हा ने बताया कि फरियादी आकाष सिंह ने इस जिला चिकित्सालय में इस आषय की देहाती नालिषी लेख कराई कि दिनाॅक 01.04.2020 को सुबह 9 बजे इसके पड़ोस में रहने वाला गगन उर्फ बंटी यादव जिससे इसका पुराना विवाद है वह घर के सामने से बार-बार निकल रहा था तो घर के बाहर बैठे उसके भाई रोहित राजपूत ने मना किया तो गगन उर्फ बंटी विवाद करने लगा हल्ला सुनकर यह तथा इसका भाई राजकुमार बाहर आये इसी बीच मोनू यादव आकर जान से मारने की नियत से रोहित को बांयी तरफ एवं दाहिनी तरफ पसली में चाकू मारकर चोट पहॅुचाई पीछे से गगन के चाचा ने आकर फरियादी के सिर में मारा जिससे उसे खून निकल आया। इसी बीच विनोद यादव, छोटू यादव भी आ गये जिन्होने फरियादी  उसके भाई रोहित और राजकुमार केा लात घूसों से मारपीट किया इसका चचेरा भाई सचिन बचाने के लिये आया तो मोनू यादव ने उसे भी चाकू मारा जिससे उसकी दाहिनी तरफ पसली में चोट आई फिर फरियादी अपने भाई राजकुमार उर्फ सचिन के साथ रोहित को लेकर अस्पताल पहुॅचा जिसे मारपीट में आई चोटों के कारण रोहित की अस्पताल में मृत्यु हो गई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया,

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-कोतवाली द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 302, 34 का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश , श्री षिवबालक साहू जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।


गांजे का विक्रय करने वाले आरोपी को 06 माह 17 दिन का कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड
सागर । गांजे का विक्रय करने वाले आरोपी प्रषांत कोरी को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा-8 सहपठित धारा- 20(इ)(पप)(इ) के तहत 06 माह 17 दिवस का  कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।मामले की पैरवी विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना बांदरी में पदस्थ उपनिरीक्षक को दिनाॅक 30.01.2019 को मुखबिर ने थाना उपस्थित होकर सूचना दी कि फोर लाईन मुकद्दम ढाबा झांसी रोड बांदरी के पास आरोपी प्रषांत कोरी गांजा  लिये विक्रय करने हेतु खड़ा है । समस्त वैधानिक कार्यवाही मय विवेचना किट सहित मुखबिर सूचना की तस्दीक हेतु थाना से रवाना होकर झांसी रोड पर मुकद्दम ढाबा पहुॅचे, जहाॅ आरोपी थैला लिये हुये खड़ा था जिसका नाम पता पूछने पर अपना नाम प्रषांत कोरी बताया। आरोपी को मुखबिर की सूचना से अवगत कराया गया उसके बाद आरोपी के थैले की तलाषी लेने पर थैले से गांजे जैसा पदार्थ रखा मिला जिसे चखकर, जलाकर देखा गया जो मादक पदार्थ गांजा होना पाया गया। आरोपी के कब्जे से कुल 02 किलोगा्रम गांजा जब्त किया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, 

विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-बांदरी द्वारा धारा-8/20 एन.डी.पी.एस. एक्ट का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने  आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।

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