शिवपुरी-बीती वर्ष 2020 के छेडख़ानी के मामले में आरोपी को माननीय न्यायालय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के द्वारा प्रकरण की विवेचना उपरांत दोष मुक्त किया गया। इस मामले में अभियुक्त की ओर से पैरवी धर्मेन्द्र सिंह दांगी के द्वारा की गई।विवरण के अनुसार अभियुक्त राकेश पुत्र दाजेन्द्र दांगी उम्र 39 वर्ष निवासी करौंदी कॉलोनी थाना फिजीकल पर वर्ष 5 दिसम्बर 2020 को एक महिला के द्वारा अपने साथ मारपीट, जान से मारने की धमकी और छेडख़ानी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस नेे इस मामले में अभियुक्त राकेश दांगी के विरूद्ध धारा 354,323,294,506,451 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया और जब यह मामला माननीय न्यायालय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के समक्ष आया तो प्रकरण की सुनवाई की गई। यहां अभियुक्त राकेश की ओर से पैरवी कर एड. धर्मेन्द्र सिंह दांगी के द्वारा इस घटना को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। प्रकरण की सुनवाई में माननीय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के द्वारा महिला के द्वारा लगाए गए आरोंपों को मिथ्या पाया गया और इस मामले में अभियुक्त राकेश को दोष मुक्त करार दिया। अभियुक्त को मिथ्या आरोपों के चलते 4 वर्ष बाद अब न्याय प्राप्त हो सका है।
शिवपुरी-बीती वर्ष 2020 के छेडख़ानी के मामले में आरोपी को माननीय न्यायालय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के द्वारा प्रकरण की विवेचना उपरांत दोष मुक्त किया गया। इस मामले में अभियुक्त की ओर से पैरवी धर्मेन्द्र सिंह दांगी के द्वारा की गई।विवरण के अनुसार अभियुक्त राकेश पुत्र दाजेन्द्र दांगी उम्र 39 वर्ष निवासी करौंदी कॉलोनी थाना फिजीकल पर वर्ष 5 दिसम्बर 2020 को एक महिला के द्वारा अपने साथ मारपीट, जान से मारने की धमकी और छेडख़ानी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस नेे इस मामले में अभियुक्त राकेश दांगी के विरूद्ध धारा 354,323,294,506,451 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया और जब यह मामला माननीय न्यायालय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के समक्ष आया तो प्रकरण की सुनवाई की गई। यहां अभियुक्त राकेश की ओर से पैरवी कर एड. धर्मेन्द्र सिंह दांगी के द्वारा इस घटना को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। प्रकरण की सुनवाई में माननीय श्रीमती रूपम तोमर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी के द्वारा महिला के द्वारा लगाए गए आरोंपों को मिथ्या पाया गया और इस मामले में अभियुक्त राकेश को दोष मुक्त करार दिया। अभियुक्त को मिथ्या आरोपों के चलते 4 वर्ष बाद अब न्याय प्राप्त हो सका है।
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