लखनलाल खरे की पुस्तकों का विमोचन कार्यक्रम सम्पन्नशिवपुरी-वेदों में जो आया है वही समय समय पर अलग अलग भाष्य के रूप में सामने आया है,जिससे समाज का मूल्य बोध जीवित रहता है,अर्थात यथारूप में बना रहता है,मान्यताएं स्थापित होती है,उक्त कथन अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर ने तुलसी की वैश्विक चेतना विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रूप में विचार प्रकट करते हुए कहा।
शिवपुरी के विद्वान लेखक लखनलाल खरे की पुस्तकों राजकवि बिहारी भट्ट और उनका सृजन व रामचरितमानस के कतिपय प्रसंग आधुनिक भावबोध के लोकार्पण पर तुलसी की वैश्विक चेतना विषय पर बोलते मध्यप्रदेश शासन के गृह सचिव आई ए एस ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि आज धर्म को जिस रूप में देखा जा रहा है, उसका श्रेय तुलसीदास को जाता है, कतिपय प्रसंगों को आधुनिक भावबोध के रूप में अपनी पुस्तक रूप में लखनलाल खरे ने प्रस्तुत किया है। \
साहित्य संस्कृति शोध संस्थान के दिनेश वशिष्ठ, स्वतंत्रता सेनानी राम किशन सिंघल फाउंडेशन के डॉ महेंद्र अग्रवाल ने भी समीक्षा प्रस्तुत की।कार्यक्रम के दौरान असाध्य बीमारी से जूझ रहे डॉ लखनलाल खरे ने देहदान की घोषणा कर सभी को द्रवित कर दिया।उनकी इस घोषणा का उदार मन पर सभी श्रोताओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया।सभी अतिथियों का परिचय साहित्य परिषद के जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष शर्मा ने किया।इस अवसर पर साहित्यकार अशोक मोहिते व डॉ लोकेश तिवारी ग्वालियर का सम्मान भी किया गया।आभार लखनलाल खरे ने सभी का ज्ञापित किया।कार्यक्रम में अनामिका खरे,अनुज्ञा खरे,वंदना शिवहरे,अंजली गुप्ता,यशवंत भार्गव,श्याम शर्मा,सौरभ तिवारी करेरा,ने भी कार्यक्रम की व्यवस्था संभाली व अतिथियों का स्वागत किया।
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