जब किसी का छूना हमें असहज लगे,तो तत्काल विरोध करेंशिवपुरी-छूने में वात्सल्य का भाव भी होता है और वासना का भाव भी होता है। हमें यह भी समझ में आ जाता है कि छूने वाले की मंशा कैसी है, माता- पिता,बुआ, दादा- दादी, नाना-नानी का छूना और सहलाना हमें अच्छा लगता है, क्योंकि वह सुरक्षित स्पर्श है, अगर कोई दूसरा व्यक्ति हमें गलत जगह छूने की कोशिश करता है तो हमें असहज महसूस होता है,क्योंकि इस छुअन के पीछे गलत मंशा छुपी हो सकती है। ऐसे छूने का हमें विरोध करना चाहिये। यह सुझाव बीते रोज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर शासकीय मिडिल स्कूल सतनवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में बालिकाओं को महिला एवं बाल विकास के सहायक संचालक महेंद्र सिंह अम्ब ने दिया। कार्यक्रम के दौरान बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बाल विवाह के दुष्परिणामों से परिचित कराते हुए उसका विरोध करने के लिए प्रेरित किया। जागरूकता कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन, पर्यवेक्षक फरीदा वानो एवं जयदेवी रावत, ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा, मनीष शर्मा, स्कूल स्टाफ एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद रहीं।
8 मार्च तक होंगे आयोजन
उल्लेखनीय है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के सफलतम 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में जिले 22 जनवरी से 8 मार्च 2025 तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान जिला, परियोजना एवं आंगनवाड़ी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों कर आयोजन किया गया। रैली निकाली गई, बेटीे बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रचार, बालिका भ्रूण हत्या रोकने बाबत शपथ ली गई।
उल्लेखनीय है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के सफलतम 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में जिले 22 जनवरी से 8 मार्च 2025 तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान जिला, परियोजना एवं आंगनवाड़ी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों कर आयोजन किया गया। रैली निकाली गई, बेटीे बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रचार, बालिका भ्रूण हत्या रोकने बाबत शपथ ली गई।
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