शिवपुरी-स्पिक मैके द्वारा शहर के हैप्पीडेज स्कूल में भारत के आठ शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक सत्त्रिया पर आधारित तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया। इस कला का उद्देश्य भारत में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराना व पारंपरिक नृत्य कला के प्रति जागरूकता और सम्मान विकसित करना है। कार्यशाला का नेतृत्व सुप्रसिद्ध सत्त्रिय नृत्यांगना, कॉरियोग्राफर व उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरूस्कार से सम्मानित श्रीमती उषा रानी वैश्य व डॉ जादब बोरा ने किया, जिन्होनें अपने अथक प्रयास व कठिन साधना के माध्यम से सत्त्रिय नृत्य को राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ तत्पश्चात डॉ जादब बोरा एवं श्रीमती उषा रानी ने सत्त्रिय परंपरा के आध्यत्मिक गहराइयों और इसकी प्रमाणिकता को अपनी प्रस्तुति के माध्यम से जीवंत किया। इस कार्यशाला में भागीदारी के लिए छात्रों में अति उत्साह दिखा जिसमें विद्यार्थियों को सत्त्रिय नृत्य के मूलतत्व, अभिव्यक्तियों तथा कथा वाचन की कला से परिचित कराया गया, एवं मात्र दो ही दिन में सत्त्रिय नृत्य की बारीकियों को समझकर छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रस्तुति दी।
विद्यालय प्रशासन का मानना है कि ऐसी कार्यशाला विद्यार्थियों में न केवल सांस्कृतिक चेतना का संचार करती है बल्कि उनमें आत्म-अनुशासन, अभिव्यक्ति क्षमता और कलात्मकता का विकास करती है। कार्यशाला समापन के इस सुअवसर पर दीवान अरविन्द लाल, प्राचार्या श्रीमती अंजु शर्मा, अभिभावकगण व विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएँ उपस्थित रहें। अंत में विद्यालय प्राचार्या श्रीमती अंजु शर्मा ने मेहमान कलाकारों को स्मृति-चिन्ह प्रदान किए व धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया।
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