शिवपुरी-राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं राजभाषा नीति के प्रभावी अनुपालन हेतु राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उपक्षेत्रीय कार्यालय, शिवपुरी में होटल पीएस में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभाग की ओर से आर. जी.विजय, सहायक निदेशक, विष्णु कांत चौकसे, एस. के. तिवारी, जे. एस. आलोरिया, वैभव एवं अजीत अवस्थी (सभी वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी) व उपक्षेत्रीय कार्यालय के अन्य कर्मचारियों ने सहभागिता की। कार्यशाला में डॉ. शुभा वैष्णव, अतिथि विद्वान एवं विनय प्रकाश जैन, सेवा निवृत्त सहायक प्राध्यापक, ने प्रवक्ता के रूप में भाग लिया। दोनों वक्ताओं ने राजभाषा हिंदी की वर्तमान स्थिति, राजभाषा नीति का अनुपालन एवं उसकी उपयोगिता, आधुनिक संचार माध्यमों में हिंदी भाषा का प्रयोग तथा सोशल मीडिया के युग में हिंदी की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विचार प्रकट किए। कार्यशाला का उद्देश्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी के प्रयोग हेतु प्रेरित व जागरूक करना रहा। दोनों वक्ताओं ने अपने सारगर्भित उद्बोधनों द्वारा प्रतिभागियों को हिंदी के प्रयोग के व्यावहारिक पक्षों से परिचित कराया। कार्यशाला में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया एवं इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक अनुभव बताया।
शिवपुरी-राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं राजभाषा नीति के प्रभावी अनुपालन हेतु राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उपक्षेत्रीय कार्यालय, शिवपुरी में होटल पीएस में एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विभाग की ओर से आर. जी.विजय, सहायक निदेशक, विष्णु कांत चौकसे, एस. के. तिवारी, जे. एस. आलोरिया, वैभव एवं अजीत अवस्थी (सभी वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी) व उपक्षेत्रीय कार्यालय के अन्य कर्मचारियों ने सहभागिता की। कार्यशाला में डॉ. शुभा वैष्णव, अतिथि विद्वान एवं विनय प्रकाश जैन, सेवा निवृत्त सहायक प्राध्यापक, ने प्रवक्ता के रूप में भाग लिया। दोनों वक्ताओं ने राजभाषा हिंदी की वर्तमान स्थिति, राजभाषा नीति का अनुपालन एवं उसकी उपयोगिता, आधुनिक संचार माध्यमों में हिंदी भाषा का प्रयोग तथा सोशल मीडिया के युग में हिंदी की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विचार प्रकट किए। कार्यशाला का उद्देश्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हिंदी के प्रयोग हेतु प्रेरित व जागरूक करना रहा। दोनों वक्ताओं ने अपने सारगर्भित उद्बोधनों द्वारा प्रतिभागियों को हिंदी के प्रयोग के व्यावहारिक पक्षों से परिचित कराया। कार्यशाला में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया एवं इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक अनुभव बताया।
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