मध्य प्रदेश लेखक संघ शिवपुरी की श्रवण माह काव्य गोष्ठी सम्पन्नशिवपुरी-मध्यप्रदेश लेखक संघ शिवपुरी की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन दुर्गा मठ पुरानी शिवपुरी में गीतकार डॉ एचपी जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुई। गोष्ठी के मुख्य अतिथि बुजुर्ग शायर भगवान यादव भगवान जबकि विशिष्ट उपस्थित शेयर याकूब साबिर की रही। नवगीतकार डॉक्टर मुकेश अनुरागी के सुमधुर संचालन में प्रबुद्ध रचनाकारों ने अपनी-अपनी काव्य प्रस्तुतियां दी,सर्वप्रथम मां शारदा की वंदना अजय जैन अभिराम ने की।
अपने रचना पाठ में अजय अभिराम ने दिगंबर संतो के आचरण से सीख लेने की बात कही आचरण ये उजाले, सद संत वे शिवाले, चार्य से जिनकी शोभा, निर्ग्रंथ भोले-भाले। हास्य रस के रचनाकार राजकुमार चौहान ने अपने दोहों में कहा सूरज ने चि_ी लिखी शिशु दीपक के नाम करो तिमिर का सामना लडऩा अपना काम। गजल कार राधे श्याम सोनी ने प्रेम का संदेश देते हुए कहा बताऊं किस तरह है जी रहा हूं मैं ?मे हिज़्र में अश्क पी रहा हूं मैं । बसंत श्रीवास्तव ने कहा आप हंसकर के गम को भुला दीजिए बस अभी जिंदगी खुशनुमा कीजिए वर्षा में घर की स्थिति को अभिव्यक्त करते हुए संचालन कर रहे मुकेश अनुरागी जी ने कुछ यूं कहा बैठे बैठे हैं दरवाजे फूल रहे कप्पा से गाल पर रहा है तनमां कहां पर रहा है तन मन सर तेज हवा से बिखरे बाल।
वही विनय प्रकाश जैन नीरव ने अपने नवगीत में कहा चुप्पियां चिपकी हुई है होंठ पर गए बगाहे दस्तकों के प्यास के टुकड़े । शिवकुमार राय ने अपनी बात रखते हुए कहा अंतर मन की तृष्णा हूं मैं महाभारत की कृष्णा हूं मैं। वरिष्ठ साहित्यकार गोविन्द अनुज जी ने अपनी बात रखते हुए सुनाया मुझे छोड़कर बेटा मेरा ,लंदन चला गया। जो वृद्धा अवस्था की विरह वेदना पर सटीक अभिव्यक्ति थी।,अध्यक्षता कर रहे सुमधुर गीतकार डॉ हरि प्रकाश जैन हरि ने वर्षा गीत में मौसम का चित्रण करते हुए कहा सावन में सुहाना मौसम हुआ तपमन भी देखो मद्धम हुआ । गोष्ठी में राकेश मिश्रा रंजन,याकूब साबिर, इशरत ग्वालियर डॉ महेंद्र अग्रवाल श्रीमती कल्पनासिनोरिया, श्याम बिहारी सरल ,डॉ योगेंद्र शुक्ला, पत्रकार प्रमोद भार्गव भी उपस्थित रहे,सभी रचनाकारों ने उम्दा रचना पाठ कर वातावरण को आनंद में बना दिया अंत में गोष्ठी का समापन राजकुमार चौहान ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त कर किया।
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