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Friday, September 26, 2025

बेरा टेस्ट के माध्यम से श्रवण बाधित दिव्यांगों का होगा परीक्षण : डॉक्टर धीरेंद्र त्रिपाठी


शिवपुरी।
जिले सहित अन्य जिलेवासियों के लिए राहत भरी खबर है। डीन की अनुशंसा पर केंद्रीय मंत्री सांसद श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी में बेरा मशीन द्वारा बीते रोज बेरा जांच प्रारंभ कर दी गई है। बेरा जांच होने से अब श्रवण बाधितों को टेस्ट के लिए ग्वालियर मेडिकल कालेज की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इस अवसर पर चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. आशुतोष चौऋषि, डॉ. मेघा प्रभाकर, डॉ. शुभांगी सिंह, सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना, एजाइल मैनेजर धीरज नीखिल, प्रदीप राणा (ऑडियोलाॅजिस्ट) सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस छात्र - छात्राऐं उपस्थित हुए।

कार्यक्रम के दौरान डीन डॉक्टर डी.परमहंस ने कहा कि श्रवण बाधित दिव्यांगों का परीक्षण करने के लिए कुछ विशेष उपकरणों की जरूरत होती है। आम बोलचाल की भाषा में इसे बेरा टेस्ट कहते हैं और इसमें उपयोग की जाने वाली मशीन को बेरा मशीन कहा जाता है। बेरा जांच प्रारंभ होने से मूक बधिर दिव्यांगजनों इसका लाभ मिलेगा। इस जांच के लिए लोगों को अन्य जगह भटकना नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही शिवपुरी जिले के साथ अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना के लोग भी अब मेडिकल कॉलेज शिवपुरी आने लगे हैं। खास बात यह है बेरा जांच शुरू होने से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कतें कम होंगी।

कार्यक्रम में ई एन टी विभागाध्यक्ष डॉक्टर धीरेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बेरा जांच से नवजात शिशुओं और बच्चों में सुनने की समस्या का शुरुआत में ही पता लगाया जा सकता है। जिससे बच्चों की दिक्कतों का समय पर इलाज संभव हो सकेगा। मूक बधिर बच्चों को समय पर इलाज मिलने से भाषा व बोलने की क्षमता के विकास में मदद मिलती है। इस मशीन से कान और ब्रेनस्टेम से सुनने की क्षमता का आंकलन किया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि इस जांच से किसी भी मरीज की सुनने की क्षमता का सटीक मूल्यांकन किया जा सकता है। इस मशीन से तंत्रिका तंत्र (न्यूरोलाजिकल) संबंधी दिक्क्तों की पहचान भी की जा सकती है।

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