आर्य समाज मंदिर में द पावर ऑफ पॉजिटिव थिकिंग पर सेमीनार आयोजितशिवपुरी - सकारात्मक सोच अगर रहती है तो जीवन सुखद बन सकता है,सकारात्मक रहने से ही अतिरिक्त ऊर्जा का संचय कर जीवन को उन्नत व श्रेष्ठ बनाया जा सकता है। उक्त उदगार स्थानीय आर्य समाज मंदिर पर द पावर ऑफ पॉजिटिव थिंकिंग सेमिनार पर बोलते हुए वैदिक वक्ता समीर गांधी ने व्यक्त किए।
आर्य समाज शिवपुरी द्वारा युवाओं को दिग्दर्शन के लिए आयोजित इस सेमिनार में विचार व्यक्त करते हुए आगे कहा कि सकारात्मक व्यक्ति तब रह सकता है जब उसका नियंत्रण मन पर हो,और मन पर नियंत्रण के लिए ध्यान ,साधना,आसान आवश्यक है,और इसके लिए हमारे वेदों में वैदिक संध्या का उल्लेख मिलता है,जिसमें वेद के मंत्रों के साथ संध्या करके मानव शरीर की तरंगों का ब्रह्मांड की तरंगों से मेल कराकर अनुनाद कराया जाता है। लेकिन दुर्भाग्य ये है कि हमें वेदों के इस जान के बारे में बताया ही नहीं गया।हमारे वेद जो जान विज्ञान से परिपूर्ण है, उनसे योजनाबद्ध तरीके से हमें दूर किया गया।हमारे शास्त्रों में मिलावट की गई,भारतीय जान दर्शन जो विश्व को दिशाबोध कराने का सामर्थ्य रखता है,उससे दूर कर संपूर्ण मानवता के समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न किया गया।लेकिन अब हमें जानना होगा कि सकारात्मक ऊर्जा से व्यक्ति सब कुछ प्राप्त कर सकता है।सकारात्मक रहकर जीवन को सार्थक व उद्देश्यपूर्ण बनाया जा सकता है।
इस अवसर पर बोलते हुए वैदिक वक्ता मनोज अग्रवाल ने कहा कि जीवन को अगर सफल बनाना है तो स्वाध्याय सबसे जरूरी है,ऋषि दयानंद सरस्वती द्वारा रचित पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश के गहन अध्ययन से सभी प्रश्नों का उत्तर खोजा जा सकता है।शिक्षक रामकुमार राठौर ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि यज्ञ का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है,ये नित्य कर्म है,इसे प्रतिदिन करते हुए आप सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त कर सकते है। शिवा पाराशर,हनी हरियाणी ,आशुतोष शर्मा ने भी इस अवसर पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन आशुतोष शर्मा ने तो आभार ज्ञापित कपिल मंगल ने व्यक्त किया।सभी का स्वागत नमन विरमानी,मनीष अग्रवाल,सचिन सोनी ने किया।
No comments:
Post a Comment