भावांतर योजना के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन को लेकर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की बैठक आयोजित
शिवपुरी -किसानों को उनकी मेहनत के सम्मान पूर्वक पूरे दाम दिलाना मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन द्वारा भावांतर भुगतान योजना वर्ष 2025 लागू की गई है। इस योजना में भारत सरकार के द्वारा सोयाबीन का घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा राज्य के मंडी के मॉडल भाव/विक्रय मूल्य के अंतर की राशि कृषकों को दिलवाने का प्रावधान किया है। उक्त आशय की जानकारी कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने आज जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को दी।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव, हरवीर सिंह रघुवंशी, कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी, एसडीएम शिवपुरी आनंद राजावत, डिप्टी कलेक्टर मोतीलाल अहिरवार, उपसंचालक कृषि पान सिंह करौरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, मण्डी सचिव आदि उपस्थित थे।
कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि भांवातर योजना के तहत जिले के सोयाबीन की उपज लेने वाले सभी किसान अपना पंजीयन कराए। कोई भी किसान पंजीयन से वंचित ना रहे। भांवातर योजना के तहत मण्डी में उपज विक्रय के लिए आने वाले किसानों की सुविधा के लिए भी सभी आवश्यक प्रबंध, व्यवस्थाए मण्डी सचिव द्वारा सुनिश्चित की जाए। भांवातर योजना के तहत फसल का विक्रय करने वाले किसानों को राशि का भुगतान आवश्यक माध्यम से सीधा उनके खाते में भेजा जाएगा। किसान भाई नगद में कोई भुगतान न लें।
भावांतर योजना के कृषकों के लिए मण्डियों में अलग से उपज विक्रय की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सभी मण्डी सचिवों से मण्डी समय पर खोले जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसानों एवं व्यापारियों से अच्छा व्यवहार करें। पारदर्शिता के साथ कार्य करें, लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी अपील की कि अधिक से अधिक पात्र किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने में सहायता प्रदान करें।
एसडीएम शिवपुरी आनंद राजावत ने बताया कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये सोयाबीन उत्पादक किसान भाईयों को ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। किसान पूर्व की तरह अपनी उपज मंडियों में बेचेंगे। एमएसपी और मंडी का मॉडल भाव-विक्रय मूल्य के बीच के अंतर की राशि का किसानों के खातों में सीधा भुगतान किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों का पंजीयन 3 अक्टूबर को शुरू होगा। किसान भाई 3 से 17 अक्टूबर तक अपना पंजीयन करा सकेंगे। किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान भाई 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडी में अपनी सोयाबीन फसल विक्रय कर सकेंगे।
इस प्रकार मिलेगा लाभ
सोयाबीन का विक्रय मूल्य, एमएसपी से कम लेकिन मंडी के मॉडल भाव से अधिक होने पर विक्रय मूल्य एवं एमएसपी के अंतर की राशि किसान को प्रदान की जाएगी। उदाहरण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, 5328/- और सोयाबीन का मॉडल भाव 4600/- रुपये हुआ, तथा किसान का विक्रय मूल्य 4800/-रहा तो विक्रय मूल्य एवं एमएसपी के अंतर की राशि 528/- रुपये भावांतर की राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार विक्रय मूल्य, एमएसपी और मंडी के मॉडल भाव दोनों से कम होने पर मॉडल भाव एवं एमएसपी के अंतर की राशि किसान को प्रदान की जाएगी। उदाहरण के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य, 5328/- और सोयाबीन का मॉडल भाव 4600/- रुपये हुआ, तथा किसान का विक्रय मूल्य 4500/- रहा तो मॉडल भाव एवं एमएसपी के अंतर की राशि 728/- रुपये भावांतर की राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। विगत 2 सप्ताह में विक्रय की गई सोयाबीन का औसत विक्रय मूल्य मॉडल भाव माना जायेगा। यह प्रतिदिन निर्धारित होगा। किसानों द्वारा मंडी में सोयाबीन की बिक्री की जाने पर भावांतर की राशि का किसान के आधार लिंक बैंक खाते में सीधे अंतरण किया जाएगा।
इन स्थानों पर होगा पंजीयन
ई-उपार्जन पोर्टल पर 03 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक सोयाबीन के भावांतर राशि के पंजीयन हेतु जिले में 12 पंजीयन केन्द्र निर्धारित किये गये हैं। किसान भाई इन पंजीयन केन्द्रों के समिति मुख्यालय पर पहुंचकर अपना पंजीयन करा सकत है।
12 पंजीयन केन्द्रों में सेवा सह संस्था गढीबरौद, सेवा सह. संस्था शिवपुरी, सेवा सह संस्था बनरा, सेवा सह. संस्था भटनावर, विपणन सह. संस्था कोलारस, सेवा सह संस्था लुकवासा, सेवा सह संस्था कालीपहाडी, सेवा सह संस्था बदरवास, सेवा सह. संस्था कुटवारा, सेवा सह. संस्था पिछोर, विपणन सह संस्था खनियाधाना एवं सेवा सह. संस्था मुहारीकला शामिल है। इसके अतिरिक्त किसान एम.पी.ऑनलाईन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेन्टर, लोक सेवा केन्द्र व निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे पर सोयाबीन फसल का पंजीयन करा सकते हैं। सोयाबीन फसल का भावान्तर योजनान्तर्गत पंजीयन कराने हेतु आवश्यक दस्तावेजों में किसान के भूमि संबंधी दस्तावेज, फोटो, आधार कार्ड अथवा अन्य पहचान पत्र साथ लाना आवश्यक है।
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