---------------------------------News Website By 𝐑𝐚𝐣𝐮 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯--------------------------------

𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Thursday, December 11, 2025

50 बीघा भूमि में नाम सुधार को लेकर रिश्वत लेने वाले एडीएम के स्टेनो को लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ा


जमीन रिकॉर्ड में नाम दुरुस्ती के लिए मांगे थे 20 हजार रुपए

शिवपुरी। जिला मुख्यालय पर उस समय एडीएम कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई जब 50 बीघा भूमि में नाम सुधार के लिए कलेक्टे्रट कार्यालय परिसर में ही लोकायुक्त टीम के द्वारा एडीएम के स्टेनो को 5 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा और आगे की कार्यवाही शुरू की गई। बताना होगा कि भूमि संबंधी रिकॉर्ड में नाम दुरूस्ती को लेकर स्टेनो कर्मचारी के द्वारा 20 हजार रूपये की रिश्वत मांग की गई थी जिसमें 15 हजार रूपये पूर्व में ही प्राप्त कर लिए गए और शेष 5 हजार रूपये की राशि गुरूवार को लेते हुए लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर पकड़ लिया।

जानकारी के अनुसार फरियादी ध्यानेंद्र सिंह पड़रिया निवासी श्रीपुरचक ने कुछ समय पहले ही अपने पिता मनमोहन सिंह की ग्राम बघोरिया तहसील रन्नौद, कोलारस स्थित 50 बीघा पैतृक भूमि के नाम-सुधार के लिए चक्कर काट रहा था। राजस्व अभिलेखों में यह जमीन गलती से किसी ज्ञान सिंह के नाम चढ़ गई थी। कोलारस में सुधार हेतु आवेदन करने के बाद फाइल तस्दीफ के लिए जैसे ही एडीएम कार्यालय पहुँची, स्टेनो मोनू शर्मा ने सही सत्यापन के नाम पर 20 हजार रुपए की अवैध मांग कर डाली। फरियादी पहले ही दो किश्तों में 15 हजार रुपए दे चुका था जिसमें पहली किस्त 5 हजार रुपए और दूसरी 10 हजार रूपए। जब गुरुवार को शेष 5 हजार रुपए देने के लिए ध्यानेंद्र कार्यालय पहुँचा, तब लोकायुक्त पुलिस पहले से ही जाल बिछाकर तैयार बैठी थी। 

जैसे ही मोनू शर्मा ने रिश्वत की रकम हाथ में ली, टीम ने उसे वहीं दबोच लिया। कार्रवाई इतनी तेज और सटीक थी कि पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया। लोकायुक्त ने मौके से रिश्वत की राशि बरामद कर स्टेनो को गिरफ्तार कर लिया और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। बताना होगा कि इस कार्यवाही के पूर्व भी कलेक्ट्रेट परिसर में यह लोकायुक्त की तीसरी कार्रवाई है, इससे पहले भी कई कर्मचारी भ्रष्टाचार में पकड़े जा चुके हैं। वहीं एडीएम ऑफिस दूसरी बार लोकायुक्त के निशाने पर आया है। पहली बार खुद उस समय के एडीएम रिश्वत लेते पकड़े गए थे। इस कार्रवाई ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि शिवपुरी में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं।

No comments: