ग्राम पंचायत अछरौनी में एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यशाला सम्पन्नशिवपुरी। बदलती जीवनशैली, बढ़ते तनाव और भागदौड़ भरे समय में स्वयं से जुडऩे का अवसर देने वाली अल्पविराम कार्यशाला का आयोजन विकासखंड खनियांधाना की ग्राम पंचायत अछरौनी में किया गया। राज्य आनंद संस्थान जिला शिवपुरी के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त कलेक्टर जे.पी. गुप्ता के निर्देशन तथा सहायक नोडल अधिकारी अभय जैन के समन्वय से आयोजित इस एक दिवसीय अल्पविराम परिचय कार्यशाला में जीवन को सहज, संतुलित और आनंदमय बनाने पर गहन संवाद हुआ।
कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ हुआ। इसके पश्चात शासकीय हाई स्कूल अछरौनी के प्राचार्य पंकज मिश्रा द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, जिसने पूरे वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया। आनंदम सहयोगी अवध चौहान ने राज्य आनंद संस्थान की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों का परिचय प्राप्त किया। कार्यशाला के प्रथम सत्र में मास्टर ट्रेनर साकेत पुरोहित ने मेरे जीवन का आनंद क्या है और यह कैसे बढ़ता या घटता है , विषय पर शांत समय अभ्यास के माध्यम से प्रतिभागियों को आत्मचिंतन के लिए प्रेरित किया। इस सत्र ने प्रतिभागियों को स्वयं के भीतर झांकने का अवसर दिया और जीवन की प्राथमिकताओं पर सोचने के लिए विवश कर दिया।
द्वितीय सत्र में जीवन का लेखा-जोखा विषय के अंतर्गत प्रतिभागियों ने अपने जीवन के सुख-दुख, सहयोग और संघर्ष के अनुभव साझा किए। इस संवाद ने आपसी संवेदनशीलता, समझ और सहानुभूति को और गहराई प्रदान की। कार्यशाला के समापन अवसर पर आभार व्यक्त करते हुए प्राचार्य पंकज मिश्रा ने कहा कि तनावयुक्त जीवन को आनंददायक बनाने के लिए हमें अपने जीवन में नियमित रूप से अल्पविराम लेना चाहिए। यह ठहराव ही हमें फिर से ऊर्जा, संतुलन और सकारात्मकता प्रदान करता है।
कार्यशाला में ग्राम पंचायत अछरौनी के सरपंच सुरेन्द्र सिंह बुंदेला एवं शिक्षक रूपेश राजौरिया,सीएसी सौरभ जैन, पवन जैन, शिवम पाठक, चन्द्र प्रताप सिंह, आकांक्षा खरे, लक्ष्मी पाल, आसमां खान की महत्वपूर्ण सहभागिता रही। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत के लगभग 50 शिक्षक-शिक्षिकाएं, सचिव तथा युवा-युवतियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यशाला को सफल बनाया। यह कार्यशाला न केवल तनाव से मुक्ति का संदेश दे गई, बल्कि जीवन को सरलता, संवेदना और आनंद के साथ जीने की प्रेरणा भी प्रदान कर गई।

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