किसान पिता ने रच दिया सादगी, संस्कार और आध्यात्मिक क्रांति का इतिहासशिवपुरी- एक ही सत्संग समागम से एक किसान पिता ने अपने दो सगे भाई-बहनों की शादी कर समाज के सामने एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। इन नवदम्पत्तियों अजय माहौर निवासी बदरवास का विवाह खुशबू शाक्य निवासी मारौरा पोहरी से तथा नीतेश शाक्य निवासी मारौरा पोहरी का विवाह मुस्कान कोली निवासी भौतीं पिछोर से सत्संग के दौरान संपन्न हुआ, जिसमें शिवपुरी के वरिष्ठ समाजसेवी व रावत समाज के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल सिंह रावत जी भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस प्रकार की दहेजमुक्त शादियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
एक पंथ दो काज वाली कहावत उस समय पूरी तरह सिद्ध हुई जब शिवपुरी, मध्यप्रदेश के कोलारस तहसील स्थित कृष्णा मैरिज गार्डन में बीते रविवार 14/12/25 को सत्संग के पांडाल में भगवान की चर्चा के साथ-साथ दो दहेजमुक्त शादियां संपन्न हुईं। जैसा कि वर्तमान में शादियों का सीजन चल रहा है और लोग बड़े-बड़े खर्च, भव्य आयोजन, कई-कई दिन के नाच-गाने, मैरिज गार्डन, हॉल और रिसॉर्ट बुक कर अपनी शादियों को भव्य बनाने में जुटे रहते हैं, वहीं इसके विपरीत सादगी, अनुशासन और परमात्मा की कथाओं के बीच कुछ परिवारों ने सत्संग के दौरान अपने बच्चों का विवाह करने का निर्णय लिया। यह बदलाव सतलोक आश्रम के प्रमुख संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य और उनके सत्संग के माध्यम से समाज में देखने को मिल रहा है, जिसका जीवंत उदाहरण कोलारस में देखने को मिला।
रविवार को कृष्णा मैरिज गार्डन में एलईडी प्रोजेक्टर के माध्यम से संत रामपाल जी महाराज जी के मुखारविंद से सत्संग कार्यक्रम संपन्न हुआ, इसी दौरान इन दो जोड़ों की दहेजमुक्त शादियां बड़ी सादगी, सहजता और सरलता से बिना किसी दिखावे व आडंबर के मात्र 17 मिनट में समस्त देवी-देवताओं के आवाहन के साथ संपन्न हुईं। सत्संग के उपरांत संत रामपाल जी महाराज से प्रभावित होकर 17 लोगों ने नाम उपदेश लिया, आजीवन नशामुक्त और पाखंडमुक्त जीवन जीने का संकल्प लिया तथा शास्त्रानुसार भक्ति करने का निर्णय लिया। यह दहेजमुक्त विवाह पूरे कोलारस क्षेत्र में दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।


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