शिवपुरी- शहर के मध्य धर्मशाला रोड़ शिवपुरी प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य रूप से भैरव अष्टमी का आयोजन किया गया जिसमें विशेष पूजा-अर्चना श्रीभैंरो बाबा भक्त मण्डल द्वारा की गई। इस दौरान भैंरोबाबा के दरबार को आकर्षक विद्युत सजावट, फूल बंग्ला और छप्पन भोग प्रसाद से सजाया गया। साथ ही मंदिर के बाहर समस्त श्रद्धालुजनों के लिए खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर भैरव अष्टमी की महत्ता पर पं.विकासदीप शर्मा द्वारा प्रकाश डाला गया उन्होंने भैंरव अष्टमी को लेकर बताया कि यह कालभैरवाष्टमी (कालभैरव जयंती)है। शिवपुराण शतरुद्रासंहिता के अनुसार भगवान् शिव ने मार्गशीर्ष मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी को भैरवरूप से अवतार लिया था। इसलिये जो मनुष्य मार्गशीर्ष मासकी कृष्णाष्टमी को काल भैरव के संनिकट उपवास करके रात्रि में जागरण करता हैं, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है जो मनुष्य अन्यत्र भी भक्तिपूर्वक जागरणसहित इस व्रतका अनुष्ठान करेगा, वह भी महापापों से मुक्त होकर सद्गति को प्राप्त हो जायगा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर भैंरोबाबा के दर्शन कर आर्शीवाद प्राप्त किया।
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