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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Monday, December 3, 2018

असुरक्षित यौन संपर्क, संक्रमित सुईयों के उपयोग करने से होता है एड्स : सीएमएचओ डॉ.ए. एल. शर्मा 

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आयोजित हुए कार्यक्रम

शिवपुरी-मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि मुख्य रूप से यह बीमारी असुरक्षित यौन संपर्क, संक्रमित सुईयों के बार-बार उपयोग करने से संक्रमित खून मरीज को चढ़ाए जाने एवं एचआईवी पीडि़त गर्भवती महिला से उससे होने वाले शिशु को हो सकता है। इस रोग की तत्काल जांच की सुविधा पूर्णत: गोपनीय रूप से की जाती है और रोगी को एआईटी की दवाओं के माध्यम से उपचार किया जाता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री शर्मा ने उक्त आशय के विचार विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय शिवपुरी, आईटीबीपी, 18वीं बटालियन एसएएफ में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ.पी.के.खरे, नोडल अधिकारी एड्स(संकल्प संस्था) आईसीएमआर, आईसीटीसी, एसटीआई, एआईटी सेंटर शिवपुरी एवं जिला चिकित्सालय शिवपुरी के समस्त चिकित्सक एवं पैरामेडीकल स्टॉफ तथ क्षय केन्द्र का स्टाफ आदि उपस्थित थे। इस दौरान जनसामान्य को एचआईव्ही एड्स की जांच, उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि एचआईवी के वायरस से 8 से 10 वर्षों के उपरांत एड्स होता है। इस रोग से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, बल्कि सतर्कता एवं सावधानी बरतने की आवश्यकता है। एआईटी सेंटर टी.व्ही. अस्पताल के केंपस में संचालित है। 


एचआईवी वायरस से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है कम :सिविल सर्जन डॉ.खरे 

जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. पी.के.खरे ने अपने उद्बोधन में कहा कि एचआईवी वायरस से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे टी.व्ही., केंसर इत्यादि घातक बीमारियां होने की संभावना होती है। इन बीमारियों के समूह को ही एड्स कहते है। नोडल अधिकारी डॉ.आशीष व्यास ने बताया कि मध्यप्रदेश में 47 हजार एचआईवी पोजीटिव है। एआईटी केन्द्र शिवपुरी में 954 एचआईवी पोजीटिव पंजीकृत है। जिन्हें जो एआरटी दवाओं का सेवन कर रहे है। जिसमें मुख्य रूप से गुना, शिवपुरी एवं अशोकनगर एवं श्योपुर जिले के एचआईवी मरीज शामिल है। उन्होंने संकल्प संस्था एवं अन्य सभी पार्टनर से आग्रह किया कि समस्त जोखिम पूर्ण समुदाय, गर्भवती महिला, नशे की सुईयों का इस्तेमाल करने वाले एवं टी.व्ही.मरीजों का अनिवार्य रूप से एचआईव्ही परीक्षण करवाए। यह परीक्षण पूर्णत: नि:शुल्क एवं गोपनीय रखा जाता है। परीक्षण की सुविधा सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा जिला चिकित्सालय में नि:शुल्क उपलब्ध है। 


स्वास्थ्य परीक्षण कर दी एड्स की जानकारी 

कार्यक्रम के दौरान 18वीं वटालियन में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के माध्यम से एसएएफ के जवानो को एड्स नामक घातक बीमारी के बचाव एवं रोकथाम की जानकारी दी गई। इसी प्रकार आईटीबीपी शिवपुरी में भी जवानों के बीच एड्स जागरूकता का कार्यक्रम आयोजित किया गया। एड्स जागरूक सप्ताह के दौरान संकल्प समाज सेवा संस्थान एवं विहान ग्रुप द्वारा एचआईव्ही पीडि़त बच्चों को स्कूल बैग किट, शिक्षण सामग्री का भी वितरण किया गया। 

विश्व एड्स दिवस पर काउंसलिंग में पाया नशा करने वाले युवा होते है एचआईवी से पीडि़त 

शिवपुरी-जिले में साल 2003 से एचआईवी संक्रमित और एड्स पीडि़तों की निगरानी की जा रही है। तब 1 मरीज सामने आया था। इसके बाद इनकी संख्या बढ़ती ही गई। साल 2016 में सबसे ज्यादा 102 एचआईवी संक्रमित व्यक्ति सामने आए थे। साल 2017 और 2018 में 143 एचआईवी संक्रमित व्यक्ति सामने आए हैं जिनमें खासबात यह है कि इनमें से 45 मरीज ऐसे हैं जो एक ही सिरिंज से नशा करते थे। इसके पहले तक असुरक्षित यौन संबंध और एचआईवी पॉजीटिव गर्भवती से शिशुओं को एचआईवी संक्रमण होने के मामलों की संख्या जिले में ज्यादा हुआ करती थी लेकिन अब देखने में आ रहा है कि नशा करने वाले व्यक्ति एचआईवी से अधिक संख्या में पीडि़त हो रहे हैं। यह बात एचआईवी पीडि़तों की जिला अस्पताल के आईसीटीसी इंट्रीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर में होने वाली काउंसलिंग में सामने आई है। डॉक्टर्स का कहना है कि नशा करने वाली युवा पीढ़ी तेजी से एचआईवी से संक्रमित हो रही है। 


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