शिवपुरी। जिले की बैराढ़ स्थित यूको बैंक शाखा में किसानों से केसीसी यानि किसान क्रेडिट कार्ड बनबाने के एवज में कमीशन व कागज खर्चे के रूप में लाखो रुपये लेने का मामला सामने आया है। करीब दो दर्जन किसानों ने बैंक प्रबंधन और दलालों पर तय कमीशन के अलावा रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है। इस संबंध में दो किसानों ने बैराढ़ और एक ने गोवर्धन थाने में शिकायती आवेदन भी दिया है।
फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच की बात कह रही है और जांच उपरांत कार्यवाही करने का भरोसा दिया है। बताया जाता है कि यूको बैंक का कियोस्क संचालक नितिन गोयल ओर बैंक के सामने स्थित एक अन्य बैंक का चपरासी छोटू पर इन किसानों ने गंभीर आरोप लगाए है कि इन सभी ने बैंक प्रबंधन से मिलकर इस पूरे कारनामे को अंजाम दिया है। केसीसी बनने के बाद खाली आहरण पर्ची पर अंगूठा लगबा कर इन किसानों से 15 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूल लिया।
गरीब किसान सबसे पहले बैंक जाता है जहां से उसे नितिन ओर छोटू से मिलने को कहा जाता है। अब यह लोग घर पर ही इन किसानों की फाइल तैयार कर केसीसी बनबा देते है और मनमाना अवैध शुल्क वसूल कर लेते है। अनपढ़-किसान को पैसे निकलने के बाद पासबुक पर एंट्री भी नही करते है जिससे उन्हें पता ही न चले कि कितने पैसे आहरित किये गए। ऐसे सिर्फ दो दर्जन किसान ही नही है बल्कि करीब 5 सौ किसानों के साथ यही किया गया है। अब देखना होगा कि पुलिस इसमें क्या कार्यवाही करती है और बैंक के वरिष्ठ अधिकारी इसमें क्या संज्ञान लेते है।
फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच की बात कह रही है और जांच उपरांत कार्यवाही करने का भरोसा दिया है। बताया जाता है कि यूको बैंक का कियोस्क संचालक नितिन गोयल ओर बैंक के सामने स्थित एक अन्य बैंक का चपरासी छोटू पर इन किसानों ने गंभीर आरोप लगाए है कि इन सभी ने बैंक प्रबंधन से मिलकर इस पूरे कारनामे को अंजाम दिया है। केसीसी बनने के बाद खाली आहरण पर्ची पर अंगूठा लगबा कर इन किसानों से 15 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूल लिया।
गरीब किसान सबसे पहले बैंक जाता है जहां से उसे नितिन ओर छोटू से मिलने को कहा जाता है। अब यह लोग घर पर ही इन किसानों की फाइल तैयार कर केसीसी बनबा देते है और मनमाना अवैध शुल्क वसूल कर लेते है। अनपढ़-किसान को पैसे निकलने के बाद पासबुक पर एंट्री भी नही करते है जिससे उन्हें पता ही न चले कि कितने पैसे आहरित किये गए। ऐसे सिर्फ दो दर्जन किसान ही नही है बल्कि करीब 5 सौ किसानों के साथ यही किया गया है। अब देखना होगा कि पुलिस इसमें क्या कार्यवाही करती है और बैंक के वरिष्ठ अधिकारी इसमें क्या संज्ञान लेते है।
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