कांग्रेस ने एक बार फिर से पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला को बनाया उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशीशिवपुरी- आगामी समय में होने वाले करैरा और पोहरी के उप चुनावों को लेकर अब चुनावी मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है। एक ओर जहां पूर्व में ही करैरा विधानसभा में भाजपा से संभावित जसवंत जाटव, बसपा से घोषित राजेन्द्र जाटव, कांग्रेस ने बसपा से आए प्रागीलाल को टिकिट दिया तो वहीं अब पोहरी विधानसभा में भी कांग्रेस प्रत्याशी घोषित हो चुका है जिसमें कांग्रेस ने फिर से पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला को अपना प्रत्याशी घोषित किया है ऐसे में अब पोहरी में मुकाबला त्रिकोणीय भाजपा-कांग्रेस व बसपा का ना होकर चतुष्कोणीय होना तय है क्योंकि यहां भाजपा से संभावित सुरेश रांठखेड़ा, बसपा से कैलाश कुशवाह, कांग्रेस से हरिबल्लभ शुक्ला तो वहीं दूसरी ओर अब कांग्रेस पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लडऩे के लिए पारम सिंह रावत ने भी पूरी ताकत के साथ ताल ठोंक दी है। वह कांग्रेस पार्टी से टिकिट की मांग कर रहे थे लेकिन जनता और जनाकर्षण को ध्यान में रखते हुए पारम सिंह रावत ने कांग्रेस पार्टी से बगावत करते हुए पोहरी विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अब पोहरी विधानसभा में चतुष्कोणीय मुकाबला तय है।
पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला पर जताया भरोसा
देखा जाए तो पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला पोहरी क्षेत्र के जनाधार वाले नेताओं में गिने जाते है और यही कारण है कि वह समानता दल जैसी पार्टी से विधायक के रूप में चुनाव भी जीत चुके है अब चूंकि वर्तमान समय में कांग्रेस के विजयी हुए पूर्व विधायक सुरेश रांठखेड़ा भाजपा में शामिल हो गए तो प्रदेश में सरकार की सत्ता भी बदल गई और महज 15 महीन की कांग्रेस सरकार गिरने के बाद भाजपा ने सत्ता कांग्रेसियों के भाजपा में शामिल होने के बाद संभाली है। इन हालातों में यह संभावना तय थी कि पोहरी के उप चुनाव में एक बार फिर से हरिबल्लभ ही कांग्रेस प्रत्याशी होंगें हालांकि यहां कांग्रेस पार्टी की ओर से रामसिंह यादव, पारम सिंह रावत, लक्ष्मीनारायण धाकड़, विनोद धाकड़, प्रधुम्न वर्मा, अखिल शर्मा जैसे सरीखे नेता भी कांग्रेस से टिकिट की मांग कर रहे थे लेकिन इन सभी को नजरअंदाज कर प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने अपना विश्वास पोहरी क्षेत्र में पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला पर जताया है और आज घोषित उप चुनाव के 9 प्रत्याशियों में पोहरी से हरिबल्लभ शुक्ला का नाम शामिल है। ऐसे में यह भी जनचर्चा है कि हरिबल्लभ शुक्ला ऐसे नेता है जिन्होंने सबसे पहले जिले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राज्यसभा संासद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कांग्रेस पार्टी छोड़ते ही भाजपा की सरकार बनाने में भूमिका निभाने पर खुलकर विरोध किया था और प्रेसवार्ता कर सिंधिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। ऐसे में पोहरी विधानसभा में अब कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होने के बाद हरिबल्लभ शुक्ला के और भी आक्रामक होने के आसार है।
बगावत कर निर्दलीय प्रत्याशी होंगें पारम सिंह रावत!
शिवपुरी जनपद अध्यक्ष के रूप में अपने पांच वर्षीय सफल कार्यकाल और परिवार में राजनैतिक रूप से 20 साल तक सरपंच पद रहने के चलते पारम सिंह रावत ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी से दामन तोड़ लिया और वह कांग्रेस पार्टी से टिकिट की मांग कर रहे थे लेकिन जब पार्टी ने टिकिट नहीं दिया तो वह अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पोहरी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगें। करीब 3 माह से पारम सिंह रावत और उनके परिजन जय सिंह रावत, अरविन्द रावत सहित मित्र मण्डली लगातार पोहरी विधानसभा के ग्राम-ग्राम पहुंचकर पारम सिंह के लिए जनसमर्थन मांग कर जनसंपर्क कर रहे थे। इस दौरान सैकड़ों जगह पारम सिंह व उनके परिजनों का आत्मीय स्वागत सत्कार भी हुआ और काफी माहौल भी उनके पक्ष में होता हुआ नजर आया। ऐसे में संभावना है कि इस बार पोहरी विधानसभा का परिणाम भी कुछ इतर हो, हालांकि पोहरी में भाजपा-कांग्रेस और बसपा के साथ निर्दलीय उम्मीदवार पारम सिंह रावत का फैसला अटल है और वह पूर्ण विश्वास जताते है कि पोहरी की जनता उनके साथ है और उन्हें इस बार के चुनाव में अपना मत देकर चौंकाने वाले परिणाम देगी। हालांकि यह भविष्य के गर्त में है बाबजूद इसके पारम सिंह रावत लगातार अपने जनसंपर्क और परिजनों व सहयोगी, मित्र मण्डल के द्वारा पोहरी विधानसभा का चुनाव लड़ा जा रहा है। यहां तक कि पारम सिंह रावत को चुनाव लड़ाने के लिए उनके समर्थकों में राजू शर्मा जो कि बोरबेल का काम करते है उन्होंने पारम सिंह को उनके जन्मदिन पर 1 लाख 10 हजार रूपये देकर चुनाव लडऩे को लेकर दिए थे और इसी तरह अन्य लोगों ने भी पारम सिंह रावत को पोहरी से चुनाव लड़ाने पर अपना पैसा खर्च करने की बात कही है।
शिवपुरी जनपद अध्यक्ष के रूप में अपने पांच वर्षीय सफल कार्यकाल और परिवार में राजनैतिक रूप से 20 साल तक सरपंच पद रहने के चलते पारम सिंह रावत ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी से दामन तोड़ लिया और वह कांग्रेस पार्टी से टिकिट की मांग कर रहे थे लेकिन जब पार्टी ने टिकिट नहीं दिया तो वह अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पोहरी विधानसभा से चुनाव लड़ेंगें। करीब 3 माह से पारम सिंह रावत और उनके परिजन जय सिंह रावत, अरविन्द रावत सहित मित्र मण्डली लगातार पोहरी विधानसभा के ग्राम-ग्राम पहुंचकर पारम सिंह के लिए जनसमर्थन मांग कर जनसंपर्क कर रहे थे। इस दौरान सैकड़ों जगह पारम सिंह व उनके परिजनों का आत्मीय स्वागत सत्कार भी हुआ और काफी माहौल भी उनके पक्ष में होता हुआ नजर आया। ऐसे में संभावना है कि इस बार पोहरी विधानसभा का परिणाम भी कुछ इतर हो, हालांकि पोहरी में भाजपा-कांग्रेस और बसपा के साथ निर्दलीय उम्मीदवार पारम सिंह रावत का फैसला अटल है और वह पूर्ण विश्वास जताते है कि पोहरी की जनता उनके साथ है और उन्हें इस बार के चुनाव में अपना मत देकर चौंकाने वाले परिणाम देगी। हालांकि यह भविष्य के गर्त में है बाबजूद इसके पारम सिंह रावत लगातार अपने जनसंपर्क और परिजनों व सहयोगी, मित्र मण्डल के द्वारा पोहरी विधानसभा का चुनाव लड़ा जा रहा है। यहां तक कि पारम सिंह रावत को चुनाव लड़ाने के लिए उनके समर्थकों में राजू शर्मा जो कि बोरबेल का काम करते है उन्होंने पारम सिंह को उनके जन्मदिन पर 1 लाख 10 हजार रूपये देकर चुनाव लडऩे को लेकर दिए थे और इसी तरह अन्य लोगों ने भी पारम सिंह रावत को पोहरी से चुनाव लड़ाने पर अपना पैसा खर्च करने की बात कही है।




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